Rajasthan Politics: राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच जलदाय मंत्री और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एक पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह खुद चाहते हैं कि मुख्य सचेतक का पद पार्टी किसी और को दे दे। यह सिर्फ दोहरी जिम्मेदारी है, इसमें को अतिरिक्त लाभ नहीं है। महेश जोशी सोमवार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे महेश जोशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘मैं कभी भी किसी पद के लिए लालायित नहीं रहा, कांग्रेस आलाकमान मुझसे एक पद वापस ले या दोनों, यह उनको तय करना है। मुख्य सचेतक के पद पर ऐसा कोई काम नहीं है जिससे किसी भी मंत्री को कोई लाभ मिल सके, बल्कि इससे दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है। इस पद के चलते विधानसभा सत्र के दौरान हम बाहर नहीं जा सकते, क्योंकि फ्लोर मैनेजमेंट का काम इस पद की जिम्मेदारी है। मैं तो खुद चाहता हूं कि कांग्रेस आलकमान जब जिसको उचित समझे उसे मुख्य सचेतक का पद दे दे।’
वहीं बीते रविवार को पायलट खेमे के विधायक रामनिवास गावड़िया के गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ को चापलूस और दलाल बताने पर जोशी ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। जोशी ने इस सवाल पर कहा कि आप यह चाहते हैं कि मैं आलाकमान की एडवाइजरी का उल्लंघन करूं लेकिन मैं पार्टी की एडवाइजरी का उल्लंघन नहीं करुंगा।
बता दें कि 1 माह पूर्व राजस्थान की सियासत में आये सियासी बवंडर के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस दिया गया था। कांग्रेस आलाकमान द्वारा भेजे गए कारण बताओं नोटिस के जवाब के बाद मंत्री महेश जोशी का यह बड़ा बयान सामने आया है।