Rajasthan politics: राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी कर तलब किया है, जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर यह नोटिस दिया है। यह पूरा मामला कांग्रेस के 91 विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे से जुड़ा है।
91 विधायकों और मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के वक्त राजस्थान में बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला था, सियासी गलियारों में चर्चा थी का सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा, जबकि उनकी जगह सचिन पायलट को सीएम बनाया जाएगा, ऐसे में गहलोत समर्थक 91 विधायक जिनमें कई मंत्री भी शामिल थे, सभी ने सामूहिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा सौंपा था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इन इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया, जिसको लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने याचिका दायर की थी।
राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए ही हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को नोटिस देकर जवाब तलब किया है, जिसमें पूछा गया है कि अब तक विधायकों के इस्तीफों पर कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया है, याचिका में कहा गया था कि अगर कोई विधायक इस्तीफा स्वयं पेश करता है तो विधानसभा प्रक्रिया नियम 173 के तहत स्पीकर के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं होता. सिर्फ इस्तीफा स्वैच्छिक और दबाव में है या नहीं को लेकर ही जांच की जा सकती है।
विधायकों के विधानसभा में प्रवेश पर लगे रोक
इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया था कि यह भी असंभव है कि इतनी बडी संख्या में विधायकों से जबरन इस्तीफों पर हस्ताक्षर करवाए गए हो, क्योंकि इन विधायकों के इस्तीफे के चलते कांग्रेस की सरकार विधानसभा में अपना विश्वास खो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी सभी मंत्री मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हो रहे हैं, इसलिए याचिका में मांग की गई थी जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उनके नाम सार्वजनिक किए जाए और विधानसभा अध्यक्ष से इस पूरे मामले में जवाब मांगा जाए। इसी मामले पर सुनवाई के बाद यह हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
2 हफ्ते बाद होगी सुनवाई
अब इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को अपना जवाब पेश करना होगा। बता दें कि विधायकों के इस्तीफे के बाद राजस्थान का सियासी ड्रामा बढ़ गया था, बाद में अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस से बाहर हो गए थे। ऐसे में फिलहाल गहलोत समर्थक विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष के पास ही रखे हुए हैं।