Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर विधायकों की अलग बैठक बुलाया जाना ‘घोर अनुशासनहीनता’ है।
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इसके कुछ देर बाद ही AICC ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, PHED मंत्री और पार्टी के सरकारी मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी और RTDC चेयररमैन धर्मेंद्र राठौड़ को शो कॉज नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब तलब किया है। धारीवाल, विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जोशी और राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा विधायकों की अलग से एक बैठक बुलाने तथा कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने देने के लिए की गयी है।
इसके बाद RTDC चेयररमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने News24 से बातचीत करते हुए कहा कि, अभी तक उन्हें नोटिस नहीं मिला है और यह भी पता नहीं कि उन्हें नोटिस क्यों जारी किया गया है। इस पूरे राजनीतिक क्राइसेस इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर सचिन पायलट को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि वह गद्दार हैं, जिन्होंने अपनी ही सरकार को गिराने की कोशिश की। धर्मेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि सरकार के मुश्किल हालातों में साथ खड़े 102 विधायक कभी नहीं चाहेंगे कि सचिन पायलट सीएम बने।
अशोक गहलोत के सबसे नजदीकी माने जाने वाले धर्मेंद्र राठौड़ ने अशोक गहलोत की गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान के प्रति निष्ठा को लेकर उठाए जा रहे हैं सवालों को भी अनुचित बताते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं हो सकता ना ही होगा।
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आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह राजस्थान में साल 2020 में सरकार गिराने की कोशिश की धीरे-धीरे परत खुली थीज़ ठीक उसी तरह इस बात की भी परत खुलेगी की क्या अजय माकन राजस्थान में अशोक गहलोत के खिलाफ माहौल बनाकर सचिन पायलट के पक्ष में विधायकों को करने में जुटे हुए थे या नहीं। यह एक बड़ा षड्यंत्र है और देश-सवेर इसका पता जरूर लगेगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे त्यागपत्र देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे।
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