Rajasthan Political Cricis: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की राजनीति में रोज नए किस्से-कहानियां देखने को मिलती हैं। इसी कड़ी में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने के मामले में मुख्य सचेतक महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से मंत्री शांति धारीवाल ने कारण बताओ नोटिस का जवाब कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक धारीवाल ने अपने नोटिस के जवाब में लिखा है कि मैं आलाकमान में पूरा विश्वास करता हूं। विधायक दल की बैठक के समानांतर में हमने कोई बैठक नहीं की बल्कि विधायक सिर्फ चर्चा के लिए इकट्ठा हुए थे। क्योंकि विधायक दल की बैठक से पहले विधायक में यह अविश्वास पनपा की उनकी इच्छा-रायशुमारी के बिना बड़ा बदलाव किया जा रहा है। जबकि विधायकों की पसंद सीएम अशोक गहलोत हैं और वो सर्वमान्य नेता हैं। इसलिए इस अविश्वास के चलते ही वो मुख्यमंत्री आवास में बैठक में नहीं गए।
धारीवाल के जवाब को लेकर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेणा ने उनको जमकर घेरा है। विधायक दिव्या मदेरणा ने सोशल मीडिया पर संजय यादव नाम के ट्विटर हैंडल को रीट्वीट करते हुए लिखा- तोबा ! तोबा ! चर्चा से इस्तीफे तक का सफ़र और उस के मध्य वहां आलाकमान के खिलाफ बयानबाजी। गजब तरीका है आलाकमान में पूरा विश्वास जताने का।
तोबा ! तोबा ! चर्चा से इस्तीफ़े तक का सफ़र और उस के मध्य वहाँ आलाकमान के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी – ग़ज़ब तरीक़ा है आलाकमान में पूरा विश्वास जताने का । https://t.co/tCaujvH3Rk
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वहीं जानकारों की मानें तो धारीवाल ने अपने जवाब में आलाकमान को न केवल सर्वोपरि माना है बल्कि यह भी कहा है कि 25 सितंबर को कोई भी समानांतर बैठक उनके निवास पर विधायकों को फोन कर नहीं बुलाई गई। उन्होंने कहा है कि विधायकों में अविश्वास होने के कारण वे स्वविवेक से उनके निवास पर चर्चा करने पहुंच गए थे।
उल्लेखनीय है कि, जयपुर में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इससे पहले मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर विधायकों की बैठक हुई थी। जिसके बाद विधायकों ने आलाकमान द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार कर दिया। विधायकों द्वारा उठाए गए इस कदम को आलाकमान अनुशासनहीनता करार दिया और इसके लिए महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया।