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Rajasthan News: चंद्रयान-3 की सफल लाॅन्चिंग पर सीएम गहलोत की बच्चों को बड़ी सौगात, अब स्कूलों में मिलेगी ये सुविधा

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम निवास पर राज्य के कई विद्यार्थियों के साथ बुधवार को चंद्रयान-3 की लाइव लैंडिंग देखी। जैसे ही भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव में सटीकता के साथ में उतर गया और दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। भारत की इस अभूतपूर्व उपलब्धता के लिए […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Aug 24, 2023 11:53
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CM Ashok Gehlot

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम निवास पर राज्य के कई विद्यार्थियों के साथ बुधवार को चंद्रयान-3 की लाइव लैंडिंग देखी। जैसे ही भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव में सटीकता के साथ में उतर गया और दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। भारत की इस अभूतपूर्व उपलब्धता के लिए सीएम गहलोत ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। वहीं चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग के बाद सीएम गहलोत ने बड़ी घोषणा की।

स्कूलों में खोले जाएगे साइंस एंड स्पेस क्लब

सीएम गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं में खगोलीय और अंतरिक्ष विज्ञान के विकास को लेकर एक खास कदम उठाने जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य के लगभग 1500 राजकीय विद्यालयों में साइंस एंड स्पेस क्लब खोले जा रहे है। इस क्लब में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को वैज्ञानिक गतिविधियों के प्रोत्साहित किया जाएगा। इस क्लब में विद्यार्थियों के लिए नासा के सहयोग से एस्टरॉइड खोज अभियान भी संचालित किया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल प्लेनेटोरियम, डिस्प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान केन्द्र, उच्च स्तरीय रिजोल्यूशन के टेलीस्कोप, साइंस पार्क के विकास समेत कई तरह के कम किए जा रहे हैं।

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चंद्रयान-3 के साथ इसरो ने रचा इतिहास

सीएम गहलोत ने कहा कि जब चांद पर पहली बार इंसान उतरा था तब व्यक्ति एक छात्र की तरह इस ऐतिहासिक घटना को लेकर बेहद उत्साहित था। आज हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत, देशवासियों की आशा और विश्वास का परिणाम है कि चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इसरो ने एक नया इतिहास रचा है। इसी के साथ चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव सतह पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है।

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भारत का चंद्रयान मिशन

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि यह दूसरी बार है कि भारत ने चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव सतह पर जानें की कोशिश की है। इसके पहले 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 मिशन के रूप में भारत का चंद्रमा के लिए पहला मिशन लॉन्च हुआ था और ये मिशन साल 2009 में सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। इसके बाद इसरो ने साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण कुछ तकनीकी कारणों से लैंडिंग से महज कुछ मिनट पहले इसका संपर्क टूट गया और मिशन फेल हो गया।

ऐसे बना इसरो मजबूत

इसरो का इतिहास बताते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि साल 1962 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉ विक्रम ए साराभाई की सलाह पर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) नाम के साथ स्थापित किया था। इसके बाद साल 1969 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में स्वतंत्रा दिवस पर इस संगठन को मजबूत करते हुए इसका नाम इसरो यानी (Indian Space Research Organization) रखा गया।

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News24 हिंदी

First published on: Aug 24, 2023 11:53 AM

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