के जे श्रीवत्सन, जयपुर: विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान आर्थिक रूप से पिछड़े प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए विशेष छात्रवृत्ति एवं अनुदान योजना का 3 साल बाद भी छात्रों को लाभ नहीं मिलने के सवाल पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली सदन में घिरते नजर आए।
सवाल पर घिरने के बाद मंत्री जूली ने योजना में देरी को स्वीकार करते हुए कहा कि 2021 में जिन छात्रों की सूची का जिक्र किया जा रहा है, वह गलती से प्रशासनिक नोटशीट का पन्ना सवाल के साथ चला गया। योजना को अगले साल से लागू कर दिया जाएगा।
कांग्रेसी विधायक जगदीश चंद्र की ओर से आर्थिक पिछड़ा वर्ग की आरक्षण पात्रता को लेकर पूछे गए सवाल में हस्तक्षेप करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि वर्ष 2019 से जब 80% से अधिक अंक लेने वाले ईडब्ल्यूएस के बच्चों की सूची तैयार कर ली गई, लेकिन 3 साल से उन्हें छात्रवृत्ति क्यों नहीं दी गई? इसका 3 साल से क्या कारण रहा कि छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी।
जवाब में मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि इस मामले को लेकर कैबिनेट की उप-समिति बनी थी। समिति की सिफारिश के बाद 2 मार्च 2022 को शिक्षा विभाग को छात्रवृत्ति वितरण के आदेश दिए गए हैं। लेकिन बच्चों का फाइनल रिजल्ट नहीं आने के कारण छात्रवृत्ति जारी नहीं हो सकी। रिजल्ट आते ही छात्रों की जारी कर दी जाएगी।
सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि जब योजना का क्रियान्वयन ही 2023 से शुरू होगा तो फिर 2019 से लेकर 80% से अधिक बच्चों के नामों की सूची क्यों तैयार करवाई गई? जवाब में जूली ने कहा कि यह एक मोटे आकलन के आधार पर सूची तैयार की गई थी, लेकिन गलती से सवाल के साथ नोटशीट का पन्ना चला गया। योजना में देरी हुई है, लेकिन अगले साल से बच्चों को छात्रवृत्ति वितरित कर दी जाएगी।