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Udaipur News: दिवाली पर महालक्ष्मी मंदिर रौशनी से जगमगाया, दर्शनों के लिए लगा भक्तों का तांता

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर स्थित महालक्ष्मी में आज दीवाली बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। शहर में भी दीपावली का पर्व बड़े ही उत्साह व उमंग के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही शहर के महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा है। दीपावली के मौके पर यहां माता […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Oct 24, 2022 18:07
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Mahalaxmi Temple of Udaipur
उदयपुर में दिवाली पर महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर स्थित महालक्ष्मी में आज दीवाली बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। शहर में भी दीपावली का पर्व बड़े ही उत्साह व उमंग के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही शहर के महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा है। दीपावली के मौके पर यहां माता महालक्ष्मी की विशेष श्रृंगार किया गया है।

वहीं, मंदिर के बाहर भक्तों की कतार देखते बन रही है। ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन यहां माता महालक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाकर पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

जानकारी के मुताबिक मेवाड़ के ऐतिहासिक महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली के त्योहार पर माता लक्ष्मी को 5 लाख रूपए कीमत का सोने से जड़ित बेस धारण कराया गया है। जो करीब 7.50 मीटर लम्बा है। साथ ही 25 तोले के सोने-चांदी के आभूषण से उनका शृंगार किया है। सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर में महालक्ष्मीजी कमल के फूल पर नहीं, बल्कि हाथी पर विराजमान है। दोनों हाथ में कलश है।

मान्यता है कि महालक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई हैं। महालक्ष्मी मंदिर तत्कालीन महाराणा जगत सिंह के वक्त बना था। यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का निर्माण जगदीश मंदिर के निर्माण के वक्त जो पत्थर व सामग्री बच गई थी उससे हुआ था, वही इस मंदिर के निर्माण के बाद जो सामग्री बची उससे मंदिर के सामने गणेश मंदिर का निर्माण करवाया था।

इस मंदिर की देखरेख करने वाले श्रीमाली जाती संपति व्यवस्था ट्रस्ट के अध्यक्ष कन्हैयालाल त्रिवेदी ने बताया कि देशभर में जहां-जहां लक्ष्मी मंदिर है वहां श्रीमाली समाज की तरफ से ही सेवा पूजा की जाती है क्योंकि समाज की कुलदेवी है। मंदिर बनने से आज तक श्रीमाली समाज मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहा है। मंदिर की व्यवस्था श्रीमाली जाति संपत्ति व्यवस्था ट्रस्ट के अधीन होती है। बता दें कि धनतेरस, रूपचौदस, दीपावली और गोवर्धन पूजा तक भक्तों की भारी भीड़ होती है।

First published on: Oct 24, 2022 06:07 PM
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