झालावाड़: राजस्थान के झालवाड़ जिले से शर्मनाक खबर सामने आ रही है। जिले के एक गांव जावर में मंदिर में कीर्तन कराने पर दलित समाज का हुक्का-पानी बंद करा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक जावर में रहने वाले कुछ परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गांव के प्रभावशाली एवं बहुसंख्यक समाज के लोगों द्वारा प्रताड़ना दी जा रही है और गांव में रहने और उनका हुक्का पानी तक बंद करने की धमकी मिल रही है। वहीं पीड़ित परिवारों ने इस संबंध में जावर थाने में परिवाद दिया है।
वहीं ये भी जानकारी मिली है कि गांव के ही एक प्रभावशाली एवं बहुसंख्यक समाज के लोगों ने दलित परिवार की मदद करने वालों को समाज से बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। इसके अलावा गांव में रहने वाले दलित समाज के लोगों को किसी प्रकार से मदद ना करने, उनसे बातचीत बन्द करने और अपनी दुकानों से किसी भी प्रकार का सामान न देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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मंदिर में कीर्तन कराने पर दलित समाज का हुक्का-पानी हुआ बंद
---विज्ञापन---◆ मामला राजस्थान के एक गांव का है
◆ अगर पीड़ित परिवार की कोई मदद करता है, तो उसे भी समाज से बाहर कर देने की चेतावनी दी गई है
◆ पीड़ित परिवार शिकायत लेकर पहुंचा थाने
◆ पुलिस कर रही है मामले की जांच pic.twitter.com/RaqgGFs7zq
— News24 (@news24tvchannel) October 20, 2022
इसके बाद दलित परिवारों ने इसकी शिकायत जावर थाने के थाना अधिकारी विजेंद्र सिंह को एक लिखित परिवाद देकर की है। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए थाना अधिकारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि, “जतावा गांव के निवासी 10-15 बैरवा समाज के लोगों की ओर से गांव के ही लोधा समाज के लोगों पर मानसिक अत्याचार करने ,गांव में उनका हुक्का पानी बंद करने की शिकायत को लेकर एक परिवाद पेश किया है।”
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घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने ये भी बताया कि दलित समाज के लोगों ने गांव के लोधा समाज पर आरोप लगाए हैं। लोधा समाज के लोगों की नाराजगी का कारण कुछ दिन पहले आराध्य देव बाबा रामदेव के मंदिर में हुए कीर्तन को लेकर बताया जा रहा है। बताया गया कि बैरवा समाज के लोगों ने कुछ दिन पहले मंदिर में कीर्तन का आयोजन किया था। लेकिन कुछ लोगों ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई और बंद करने को कहा।
हालांकि उस दिन जैसे-तैसे कीर्तन तो हो गया, पर उसके बाद लोधा समाज और बैरवा समाज के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा। हालांकि समझाइश के बाद भी बात नहीं बनी। इस घटना के बाद दलित परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों ने कहा कि गांव में फिर से सब लोगों में भाई चारा बना रहे व सब कुछ पहले जैसा हो जाए।
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