---विज्ञापन---

पंजाब

पंजाब में पशुओं के लिए चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 481 पशु चिकित्सा टीमें उतरीं

पंजाब में 481 पशु चिकित्सा टीमें मैदान में उतारी गई, जिनमें से हर टीम में 4 सदस्य शामिल है। एक पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा निरीक्षक, फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Sep 7, 2025 22:07
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

पंजाब में आई इस आपदा ने किसी पर रहम नहीं किया। न इंसानों पर न उनके सपनों पर और न बेजुबानों पर। सबको बहा लेने का इरादा किया था। इस अभूतपूर्व बाढ़ में 1,400 से अधिक गांवों को डुबोया और 3.5 लाख लोगों को प्रभावित किया। सतलुज और ब्यास नदियों ने पंजाब भर में अपना कहर बढ़ाया, तो 15 लाख से अधिक जानवर बढ़ते पानी में फंस गए थे। उनकी बेबस आवाजें डूबे हुए गांवों में गूंज रही थी। पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री एस. गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि इस संकट के दौरान 481 पशु चिकित्सा टीमें मैदान में उतारी गई, जिनमें से हर टीम में 4 सदस्य शामिल है। एक पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा निरीक्षक, फॉर्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।

पठानकोट जिले के गांव पम्मा के डेयरी किसान गुरबचन सिंह बताते हैं कि कैसे उन्होंने अपनी 12 भैंसों को कीचड़ भरे पानी में खड़े देखा था। वे कहते हैं कि मैंने सोचा था कि मैंने सब कुछ खो दिया है, लेकिन फिर मैंने नावों को आते देखा न केवल हम इंसानों के लिए, बल्कि मेरे जानवरों के लिए भी। ऐसी ही हजारों कहानियां हैं, जिनमें से लगभग 22,534 जानवरों का इलाज किया गया और उनकी जान बचाई गई।

---विज्ञापन---

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संकट के दौरान अपनी खुद की स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद इतनी शिद्दत से सब संभाला और स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी जीव इंसान हो या जानवर उसे पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। इस निर्देश ने बाढ़ की प्रतिक्रिया को एक व्यापक जीवन रक्षा मिशन में बदल दिया। कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने यह सुनिश्चित किया कि पशु कल्याण के लिए पशु चिकित्सा टीमें गांवों में जाएं। केवल फाजिल्का में ही, उनके मंत्रालय ने इंसानी राशन के साथ-साथ 5 हजार बैग पशु आहार के भी वितरित किए।

कलगीधर ट्रस्ट जैसे संगठनों ने 125 गांवों में 5,000 से अधिक लोगों तक पहुंच कर उनके जानवरों के लिए चारा वितरित किया। कैबिनेट मंत्री खुडियां ने बताया कि विभाग ने प्रभावित जिलों में 12,170 क्विंटल फीड और 5,090.35 क्विंटल हरा चारा, सूखा चारा वितरित किया है।पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किया गया।

---विज्ञापन---

बात करें आंकड़ों की तो 5,16,000 से अधिक जानवर बचाए गए। मान सरकार और आम आदमी पार्टी के हर वर्कर ने आधुनिक तकनीक और हर संभव प्रयास किया ताकि बाढ़ में फंसे बेजुबानों की भी जरूरतें पूरी हों। ड्रोन ने छतों पर फंसे जानवरों का पता लगाया, नावों ने संकीर्ण गांव की गलियों से हर गोशाले तक पहुंच बनाई और बहुत सारे जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

फाज़िल्का में 38 मेडिकल टीमों में से आम आदमी पार्टी की नेता डॉ. अमरजीत कौर बताती हैं कि हमें एक गाय मिली जो तीन दिन फंसे रहने के बाद भी अपने नवजात बछड़े की रक्षा कर रही थी। जब हमने उन दोनों को अपनी नाव में उठाया, तो मैंने हमारे टीम के लोगों की आंखों में आंसू देखे तब मुझे लगा कि हम सब बहुत बढ़िया काम कर रहे है।

मंत्री खुडियां ने बताया कि पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, बरनाला, भटिंडा, होशियारपुर, तरन तारन, पटियाला, जालंधर, रूपनगर और मोगा सहित 14 जिलों में 504 मवेशी, भैंसें, 73 भेड़ और बकरियां और 160 सुअर मारे गए। इसके अतिरिक्त, पोल्ट्री शेड के गिरने के कारण गुरदासपुर, रूपनगर और फाज़िल्का में 18,304 मुर्गी पालन पक्षी मर गए। लगभग 2.52 लाख जानवर और 5,88,685 पोल्ट्री पक्षी बाढ़ से प्रभावित हुए।

ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद द्वारा राहत कार्य के तीसरे चरण में मानव राशन के साथ पशु आहार का वितरण सरकार की उस दर्शन को दर्शाता है जो सभी प्राणियों को परिवार मानती है। प्रभावित ज़िलों में तैनात 28 पशु चिकित्सा टीमें केवल जानवरों की बीमारियों का इलाज नहीं कर रही थी बल्कि उन किसानों के दिलों को भी ठीक कर रही थी जिन्होंने अपनी जीवन भर की मेहनत को बहते देखा था। राज्य मुख्यालय (संपर्क नंबर 0172-5086064) और ज़िला स्तरीय कार्यालयों दोनों में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए है।

2025 की पंजाब बाढ़ को केवल एक प्राकृतिक आपदा के रूप में ही याद नहीं किया जाएगा, बल्कि एक निर्णायक क्षण के रूप में जब भगवंत मान सरकार और पंजाब के लोगों ने साबित किया कि सच्चे नेतृत्व का मतलब है हर धड़कन की रक्षा करना चाहे वह इंसान की हो या जानवर की। हमारे सबसे मुश्किल दिनों में, पंजाब ने दिखाया कि हमारे प्रेम की क्षमता की कोई सीमा नहीं है। और जब हम अपनी करुणा के दायरे को सभी जीवित प्राणियों तक बढ़ाते है, तो हम केवल जानवरों को नहीं बचाते हम अपनी स्वयं की इंसानियत को बचाते है।

First published on: Sep 07, 2025 10:07 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.