Drug de-addiction campaign in Punjab: पंजाब सरकार राज्य में नशे के खिलाफ नई नीति लागू करने जा रही है। वर्तमान में पंजाब अंग्रेजों के समय वाली स्थितियों से गुजर रहा है। पंजाब सरकार पंजाब में नशे के खिलाफ अभियान चलाएंगे। यह अभियान 18 अक्टूबर को शुरू होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के लोगों से अपने राज्य को नशा मुक्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री भगवंत मान 18 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजे हरमिंदर साहब गुरुद्वारा में 35000 बच्चों के साथ पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए अरदास करेंगे। इस अभियान में तीन मुख्य बातों पर जोर दिया जाएगा।
तीन सूत्रीय प्रोग्राम की शुरुआत
पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए इस अभियान को तीन तरह से चलाया जाएगा। यह महा अभियान नशा मुक्ति के लिए ( pray pledge and play) की थीम पर आधारित होगा। साथ ही इस महा अभियान की शुरूआत में युवाओं को शहीद भगत सिंह जैसे के वीर योद्धाओं के बलिदान को याद कराकर, युवाओं समेत सभी से कभी नशा न करने की प्रतिज्ञा ली जाएगी। इसके बाद क्रिकेट के माध्यम से अमृतसर की गलियों और स्टेडियम में युवाओं को जागरूक किया जाएगा । यह अभियान लगभग 1 महीने चलेगा । इस अभियान में अमृतसर के एनजीओ और सोशल कम्युनिटी समेत कई डॉक्टर हिस्सा लेंगे।
नशामुक्ति केंद्र भेजा जाएगा
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पहले देश की आजादी के लिए लड़े, लेकिन अब पंजाब नशे से आजादी के लिए लड़ रहा है। इस अभियान में सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर जीत हासिल करेंगे। पंजाब सरकार ने माहिर डॉक्टरों की मदद से नशे के खिलाफ एक प्लान तैयार किया है, जिसे प्रभावी ढंग से लागू कर पंजाब को एक साल में नशा मुक्त करना है।इसके पहले नशा करने वाले नौजवानों को जेलों में डाला जाता था, लेकिन अब सरकार नशा का सेवन करने वाले लोगों को जेलों में डालने की बजाय नशामुक्ति केंद्र में दाखिल किया जाएगा।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नशे का सेवन करने वालों को अपराधी नहीं बल्कि मरीज समझकर उनकी मदद करें। उन्हे इस दलदल से बाहर निकाले। पंजाब की बेहतरी के लिए सेहत मंत्री ने डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे बच्चों के साथ बातचीत की और एम्स के डॉयरेक्टर के साथ भी बातचीत की। मंत्री ने कहा कि हम अस्पताल को अच्छी सूरत देना चाहते हैं।