नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 23 दिसंबर, 2021 को हुए लुधियाना कोर्ट बम विस्फोट मामले में शुक्रवार को पंजाब में दो अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली। एनआईए ने कहा कि आतंकवाद रोधी एजेंसी ने जिन स्थानों पर छापेमारी की उनमें पंजाब के मुक्तसर साहिब और गुरदासपुर जिले शामिल हैं।
इस दौरान एनआईए ने 10,16,000 रुपये नकद, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आपत्तिजनक सामग्री के साथ डायरी जब्त करने का दावा किया। यह मामला शुरू में 23 दिसंबर, 2021 को पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और एनआईए द्वारा पिछले साल 13 जनवरी को फिर से दर्ज किया गया।
23 दिसंबर, 2021 को जिला अदालत में हुआ था विस्फोट
मामला 23 दिसंबर, 2021 को जिला अदालत परिसर लुधियाना में हुए एक बम विस्फोट से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। एनआईए ने कहा, “मामले में आगे की जांच जारी है।” इससे पहले, एनआईए की चार्जशीट में कहा गया था कि पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के आतंकवादी हैंडलर लखबीर सिंह रोडे ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस विस्फोटों को अंजाम देने की योजना बनाई थी।
गुर्गों की भर्ती की
एनआईए की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि रोडे ने पाकिस्तान स्थित तस्करों के साथ मिलकर आईईडी की तस्करी करने और इन योजनाओं को अंजाम देने के लिए भारत में गुर्गों की भर्ती की। रोडे ने पाकिस्तान स्थित हथियार-विस्फोटक-नारकोटिक्स तस्कर जुल्फिकार उर्फ पहलवान, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया, सुरमुख सिंह उर्फ सम्मू की मदद से दिलबाग सिंह और राजनप्रीत सिंह ने भारत में विस्फोट करने और हथियारों की तस्करी करने के लिए एक आतंकी गिरोह का गठन किया।
आईईडी देने के लिए किया तस्करी चैनलों का इस्तेमाल
रोडे ने पाकिस्तान स्थित तस्कर जुल्फिकार और उसके सहयोगियों – सुरमुख सिंह और हरप्रीत सिंह के तस्करी चैनलों का इस्तेमाल गगनदीप सिंह को आईईडी देने के लिए किया, जिसने इसे लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स में विस्फोट करने के लिए लगाया और इसमें अपनी जान गंवा दी। एनआईए ने पंजाब के मोहाली में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष लुधियाना अदालत परिसर विस्फोट मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।