Forty countries will learn Gurumantra of health from Punjab: पंजाब सरकार के स्वास्थ्य सेवा मॉडल ‘आम आदमी क्लीनिक’ को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि 40 देशों ने पंजाब आकर आम आदमी क्लीनिक देखने और यह समझने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है कि मरीजों को 84 आवश्यक दवाएं और 40 से अधिक चिकित्सा परीक्षण कैसे प्रदान किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार को लिखा पत्र
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अगर 40 देशों के प्रतिनिधि हमारे स्वास्थ्य देखभाल मॉडल को अपने देशों में अपनाने के लिए यहां आना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार को भी हमारा समर्थन करना चाहिए और लोगों के कल्याण के लिए फंड जारी करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने आम आदमी क्लीनिक को राज्य योजना मानने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है, जिसमें यह आश्वासन दिया गया है कि राज्य सरकार इस योजना के लिए आयुष्मान फंड का उपयोग नहीं करेगी।
पंजाब के लिए गर्व का क्षण…
---विज्ञापन---हमारे आम आदमी क्लीनिकों को केन्या की राजधानी नैरोबी में ग्लोबल हेल्थ सप्लाई चेन समिट में पहला स्थान मिला है… साथ ही 85 देशों के प्रतिनिधियों ने पंजाब के स्वास्थ्य मॉडल की सराहना की है…इस उपलब्धि के लिए पंजाब का स्वास्थ्य विभाग बधाई का पात्र है..… pic.twitter.com/dQNZhlHGwH
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) November 20, 2023
100 आम आदमी क्लीनिक खोलने की तैयारी
उन्होंने कहा कि लोगों के लिए 100 और आम आदमी क्लीनिक खोलने की तैयारी है, जबकि मुख्यमंत्री ने होशियारपुर, पठानकोट और गुरदासपुर समेत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित कंडी इलाकों में 70 और आम आदमी क्लीनिक स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है। बलबीर सिंह ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने दवाएं खरीदने की भी मंजूरी दे दी है और इससे किसी को भी निजी फार्मेसियों से दवाएं नहीं खरीदनी पड़ेंगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर 550 करोड़ रुपये खर्च
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि जिला, उप-विभागीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) सहित लगभग 40 माध्यमिक देखभाल स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत करने के लिए 550 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सभी अस्पतालों की उन्नत इमारतें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), वेंटिलेटर, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि सहित अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होंगी और लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के लिए निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा।