Chandigarh News: चडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) ने 36 नर्सिंग छात्रों के एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। पीजीआईएमईआर की ओर से इसके लिए बाकायदा लिखित में नोटिस जारी है। आरोप है कि इन छात्रों ने पिछले महीने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 100वें प्रसारण को आदेश के बाद भी नहीं सुना था।
पीजीआईएमईआर के अधिकारियों ने एक लिखित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा था कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (एनआईएनई) के सभी नर्सिंग छात्रों को परिसर में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए, जहां 30 अप्रैल को मन की बात का प्रसारण किया गया था।
पहली और तीसरी साल के छात्रों पर कार्रवाई
इस आदेश के बाद भी तीसरे साल के 28 छात्रों और पहली साल के 8 छात्रों ने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को नहीं सुना था। जब उन्होंने छात्रों से सत्र में शामिल नहीं होने का कारण पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद पीजीआईएमईआर के अधिकारियों ने सभी छात्रों को एक सप्ताह के लिए छात्रावास नहीं छोड़ने का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक संस्थान की ओर से नियमित गतिविधियों के रूप में कार्यक्रम में शामिल होने का आदेश जारी किया था। वहीं गुरुवार को जारी एक बयान में पीजीआईएमईआर ने नर्सिंग छात्रों को पीएम मोदी के प्रसारण को सुनने की अनुमति देने के अपने फैसले का बचाव किया।
काफी अहम मुद्दे पर बात की थी पीएम मोदी ने
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के नियमित कोर्स गतिविधियों के रूप में काफी महत्वपूर्ण था। कार्यक्रम में विशेष चर्चा, गेस्ट लेक्चर समेत कई विशेषताएं थीं। संस्थान की ओर से कहा गया है कि अपने एक कार्यक्रम में पीएम ने अंग दान जैसे महान काम को बढ़ावा देने के लिए एक अंगदाता परिवार, जो पीजीआईएमईआर से संबंधित था, से बातचीत की थी। ये मनोबल बढ़ाने वाला एपिसोड था।