Punjab News: हरजीत सिंह पर आरोप है कि उन्होंने तरमीनी पावर प्लांट्स में ईंधन की लागत बढ़ाने के लिए धन का दुरुपयोग किया. उनकी सेवा समाप्ति के आदेश नई एडमिनिस्ट्रेटिव सेकरेटरी, पावर डिपार्टमेंट बसंत गर्ग द्वारा जारी किए गए हैं, जो हाल ही में PSPCL तथा PSTCL के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बने हैं.
चेयरमैन बसंत गर्ग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि रूपनगर के गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट और गोइंदवाल साहिब के गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट में ईंधन की लागत निजी थर्मल प्लांट्स की तुलना में प्रति यूनिट 0.75 से 1.25 रुपये अधिक थी, जबकि इन संयंत्रों को राज्य के अपने कोयले की खान से कोयला प्राप्त होता था. इसे PSPCL को करोड़ों रुपये का नुकसान बताया गया है और इसे ईंधन लागत में दुरुपयोग का प्रमाण माना गया है.
हरजीत सिंह के खिलाफ बीते कई दिनों से राज्य संचालित ताप-विद्युत संयंत्रों में ईंधन लागत प्रबंधन में गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं. आदेश में आगे कहा गया कि यह स्पष्ट रूप से ईंधन लागत घटक में बड़े पैमाने पर हेराफेरी को दर्शाता है. जो हरजीत सिंह द्वारा गंभीर कदाचार का मामला है. आदेश में ये भी बताया गया कि पंजाब की भगवंत मान सरकार के पास नियुक्ति की शर्तों के मुताबिक यह अधिकार है कि वह किसी भी समय पूर्व-सूचना के बगैर हरजीत सिंह की सेवाएं समाप्त कर सकती है. कथित तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ईंधन की खपत और लागत गणना की जांच के आदेश भी दिए हैं.










