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पटियाला की बड़ी नदी और छोटी नदी का 165 करोड़ की लागत के साथ किया जायेगा सौंदर्यीकरण : डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य निवासियों के लिए साफ़-सुथरा और प्रदूषण रहित वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए लगातार यत्नशील है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पटियाला की बड़ी नदी और छोटी नदी को पुनरजीवंत और सौंदर्यीकरण करने के लिए 165 करोड़ की लागत वाला प्रोजैक्ट प्रगति […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Sep 4, 2022 10:03
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पंजाब
इन्दरबीर सिंह निज्जर

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य निवासियों के लिए साफ़-सुथरा और प्रदूषण रहित वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए लगातार यत्नशील है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पटियाला की बड़ी नदी और छोटी नदी को पुनरजीवंत और सौंदर्यीकरण करने के लिए 165 करोड़ की लागत वाला प्रोजैक्ट प्रगति अधीन है। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने इस प्रोजैक्ट के काम का जायज़ा लेते हुये विभाग के अधिकारियों को यह प्रोजैक्ट को निर्धारित समय में मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये डॉ. निज्जर ने बताया कि पटियाला शहर की ग़ैर-योजनाबद्ध कॉलोनियों का गंदा पानी, औद्योगिक क्षेत्रों का रसायनिक पानी और कचरा आदि बड़ी नदी और छोटी नदी में बह जाता है। इसके इलावा इन नदियों के साथ लगते क्षेत्रों में गंदे पानी की निकासी की सही व्यवस्था की कमी है। जिस कारण यह दोनों नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं और यह नदियाँ घग्गर नदी को दूषित करने का बड़ा जरिया हैं।

मंत्री ने आगे बताया कि इन नदियों में घरों का गंदा पानी और औद्योगिक क्षेत्रों का असंशोधित गंदे रसायनों वाला पानी जाने से भूजल के स्रोत भी दूषित हो रहे हैं। इससे लोगों में गंभीर बीमारियां फैलने का ख़तरा बना रहता है। इसके इलावा आसपास की साफ़-सफ़ाई और सौंदर्यता भी प्रभावित हो रही है।

डॉ. निज्जर ने बताया कि इस प्रोजैक्ट का मुख्य उद्देश्य पटियाला शहर में पानी की मौजूदा स्थिति को सुधारना और वातावरण को प्रदूषण रहित और सुंदर बनाना है। इसके इलावा पानी को रिचार्ज करके भूजल की स्थिति में सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों के गंदे पानी को सीवर लाईनों के द्वारा रोका जायेगा और इसको ट्रीटमेंट प्रणाली के द्वारा सुधारने के बाद दोबारा नदियों में डाला जायेगा।

मंत्री की तरफ से यह भी बताया कि आटोमैटिक टिलटिंग गेटों/ फलैप गेटों के साथ चैक डैमों के द्वारा बड़ी नदी में साफ़ पानी की स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी। इसके इलावा पार्कों, वॉकवे, साइकिल ट्रैक को विकसित करके छोटी नदी के साथ लगते क्षेत्र को जनता के लिए तैयार किया जायेगा। उन्होंने यह बताया कि बाढ़ों के पानी को सुचारू ढंग से ले जाने के लिए दोनों नदियों के वाटर चैनलों को भी मज़बूत किया जाएगा।

First published on: Sep 04, 2022 10:03 AM

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