बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी शिकस्त मिली। पूरे बिहार में कांग्रेस सीधे 61 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। महज 6 सीटों पर सिमट गई। वहीं पूरा महागठबंधन मिलकर 35 सीटें ला पाया। इस करारी के दुष्परिणाम दिखने शुरू हो गए है। बिहार के बाद अब सबसे पहले जनवरी में महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होने हैं। इसमें कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। चुनाव से पहले ही सपा ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है।
महाराष्ट्र में आगामी जनवरी में होने वाले चुनावों पर हलचल तेज हो गई है। इसको लेकर अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ा ऐलान किया है। महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने कहा कि इस बार स्थानीय निकाय चुनाव हम अपने बल पर लड़ेंगे, किसी से अलायंस नहीं करेंगे। कहा कि हम मुंबई और महाराष्ट्र में अकेले लड़ेंगे।
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में फिर राजनीतिक संकट के आसार, कैबिनेट बैठक में शिवसेना के कई मंत्री रहे गैरहाज़िर
अबू आजमी ने कहा कि ने कहा कि पिछली बार विधानसभा चुनाव में बिना पूछे हमसे 2 सीट घोषित की, हम चाहते हैं कि सेक्युलर वोटों का बंटवारा नहीं हो, इसलिए हम थोड़ा झुके थे। लेकिन बड़ी पार्टियां (कांग्रेस) हमको दबाती है। कहा कि हमको राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूरी छूट दी है कि मुंबई में सबसे कम फंड मानखुर्द, शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र को मिलता है। एलायंस अच्छे से होता था तो परिणाम अच्छे आते हैं।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अबू आजमी ने कहा कि कांग्रेस का घमंड कांग्रेस को डूबा रहा है, कांग्रेस में लीडर शिप की कमी है। अलायंस में कांग्रेस हमको नहीं बुलाती हैं, संयम रखना चाहिए।
इसके अलावा मनसे पर बात करते हुए कहा कि मनसे ने उत्तरभार्तियों का बड़ा अपमान किया। उनके साथ जो जाएगा उनका नुकसान होगा। कहा कि मुंबई के स्लम इलाके में लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। समाजवादी पार्टी वंचित दलित पिछड़ों की पार्टी है ,बीएमसी में नगरसेवकों की सीट का रिजर्वेशन कम से कम 1 साल पहले घोषित होनी चाहिए जिससे कैंडिडेट तैयारी कर सकें।
यह भी पढ़ें: BMC चुनाव से पहले बीजेपी ने किया बड़ा फेरबदल, इकाई में नियुक्त किए 4 नए महासचिव










