Sanjay Raut Reaction On Israel Hamas War: शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती फिलिस्तीन के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे के समाधान की मांग करने में गलत नहीं थीं। भारत के दशकों पुराने रुख को याद करते हुए राउत ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फिलिस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासर अराफात को समर्थन दिया था।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। जहां तक फिलिस्तीन का सवाल है तो हमारे देश में एक परंपरा रही है। उस वक्त इंदिरा गांधी ने यासर अराफात को समर्थन दिया था। मैं यह नहीं कहूंगा कि महबूबा जी ने कुछ गलत कहा, लेकिन ऐसे मामलों में राष्ट्र की भूमिका होती है।
वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक अमानतुल्ला खान के घर ED की छापेमारी को लेकर उन्होने कहा कि दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान के घर पर ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की थी। इस पर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि 2024 के चुनाव होने तक विपक्ष के नेताओं पर ईडी की छापेमारी होती रहेगी। महाराष्ट्र में 10-12 लोगों के नामों की लिस्ट ED के पास है। ED के पास अजित पवार, एकनाथ शिंदे का केस था, ED उनके पास क्यो नहीं जा रही है?
संजय राउत विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के प्रमुख नेताओं पर 2024 तक छापेमारी होती रहेगी। महाराष्ट्र में 10-12 नेताओं के नामों की लिस्ट ED के पास है। ED के पास अजित पवार, एकनाथ शिंदे का केस था, कई नेता जेल जाने वाले थे। ED उनके पास क्यों नही जा रही है, जो विपक्ष में है उनके पास ED, CBI, IT जाती रहेगी। और ये ऐसे ही चलता रहेगा।
अमानतुल्ला खान के घर पर ईडी ने की छापेमारी
ईडी ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के घर पर छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक ईडी धन शोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत छापेमारी कर रही है, और करीब तीन परिसरों की तलाशी ली जा रही है।
अमानतुल्ला खान को सितंबर 2022 में दिल्ली एसीबी ने गिरफ्तार किया था। एसीबी ने ‘‘दिल्ली वक्फ बोर्ड के कामकाज में वित्तीय गड़बड़ी और अन्य अनियमितताओं से जुड़ा है.’’ एसीबी में आरोप लगाया गया है कि अमानतुल्ला खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए सभी नियमों और सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गैरकानूनी रूप से 32 लोगों की भर्ती की. उसने अमानतुल्ला खान पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के भी आरोप लगाए हैं.