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मुंबई

पुणे जमीन घोटाले के बाद डील रद्द, अजीत पवार के बेटे पर लगे आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार का एक्शन

पुणे जमीन घोटाला: अजित पवार के बेटे ने रद्द की डील, जांच के समिति का गठन

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Nov 7, 2025 19:26
Ajit Pawar

पुणे जमीन घोटाले को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके बेटे पार्थ पवार सवालों के घेरे में हैं. पार्थ पवार पर आरोप है कि उनकी कंपनी 1800 करोड़ के जमीन को महज 300 करोड़ में खरीद लिया. इतना ही नहीं, इस दौरान कई नियमों की भी अनदेखी की गई. मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. सीएम ने रिपोर्ट मांग ली है और जांच के लिए समिति का गठन भी कर दिया.

अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि इस डील को रद्द कर दिया गया है. इस डील के लिए एक रुपया भी नहीं दिया गया है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि उनके बेटे पार्थ पवार से जुड़े पुणे जमीन सौदे की सरकारी जांच के लिए समिति का गठन किया गया है, समिति एक महीने में रिपोर्ट सौंपेगी. पुणे जमीन सौदे की जांच निष्पक्ष और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के होनी चाहिए.

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मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पार्थ पवार जमीन डील मामले में सभी जानकारी मैने मंगाई है. महसूल विभाग हो, IGR हो , लैंड रिकॉर्ड्स हो, सभी से जानकारी मंगाई गई है. मामले में जांच का भी आदेश दिया गया है. प्राथमिक जांच के आधार पर मुझे जो कुछ भी बोलना रहेगा, मैं बोलूंगा. फिलहाल पूरी जानकारी नहीं आई है. प्राइमा फेसी मामला काफी गंभीर है, इसलिए इस पर पूरी जानकारी लेकर ही बोलना चाहिए.

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उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी सामने आने के बाद सरकार की आगे की दिशा क्या होगी, उसकी जानकारी दूंगा. मुझे नहीं लगता है कि ऐसे मामले में उप मुख्यमंत्री समर्थन करेंगे. हम सब एक मत के हैं कि अगर कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होनी चाहिए. इसलिए जांच के बाद अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी.

राहुल गांधी ने बताया- जमीन चोरी

बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर तीखा हमला बोला था. राहुल गांधी ने लिखा था कि महाराष्ट्र में ₹1800 करोड़ की सरकारी जमीन, जो दलितों के लिए आरक्षित थी, सिर्फ ₹300 करोड़ में मंत्री जी के बेटे की कंपनी को बेच दी गई. ऊपर से स्टाम्प ड्यूटी भी हटा दी गई, मतलब एक तो लूट और उसपर कानूनी मुहर में भी छूट! ये है ‘जमीन चोरी’, उस सरकार की, जो खुद ‘वोट चोरी’ से बनी है, उन्हें पता है, चाहे जितना भी लूटें, वोट चोरी कर फिर सत्ता में लौट आएंगे. न लोकतंत्र की परवाह, न जनता की, न दलितों के अधिकार की. मोदी जी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है – क्या आप इसीलिए खामोश हैं क्योंकि आपकी सरकार उन्हीं लुटेरों पर टिकी है जो दलितों और वंचितों का हक हड़पते हैं?

First published on: Nov 07, 2025 06:53 PM

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