Maharashtra Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को पटना में विपक्षी दलों की जून में हुई बैठक पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि बैठक में शरद पवार के साथ मैं भी मौजूद था। विपक्षी दलों की मीटिंग में मुझे हंसी आ रही थी। उन्होंने कहा कि पटना में हुई विपक्षी एकता की मीटिंग में 17 में से सात विपक्षी दलों के केवल एक लोकसभा सांसद थे। एक पार्टी ऐसी थी जिसके पास एक भी सांसद नहीं है।
बता दें कि प्रफुल्ल पटेल मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट बांद्रा में अजित पवार गुट की ओर से बुलाई गई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की बैठक में बोल रहे थे। प्रफुल्ल ने कहा कि अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने का निर्णय देश और हमारी पार्टी के लिए लिया है, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए।
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पटेल ने पूछा- हमारे एनडीए में जाने से किसी को क्या आपत्ति है?
पटेल ने 23 जून को शरद पवार के साथ पटना में विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के पाला बदलने से पहले उनके करीबी सहयोगी थे। उन्होंने कहा कि एनडीए में जाने पर कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं, लेकिन पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियां भाजपा के साथ रही हैं, तो हमारे एनडीए में जाने से किसी को क्या आपत्ति है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं, तो बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं। महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गए और अब वे संयुक्त इसका हिस्सा हैं।
शरद पवार गुट ने भी मुंबई के वाईबी चव्हाण सभागार में की बैठक
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा मुंबई के बांद्रा स्थित वाईबी चव्हाण सभागार में अपने सदस्यों की बैठक कर रही है, जबकि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट (एमईटी) में राकांपा सांसदों, विधायकों, एमएलसी, जिला प्रमुखों और राज्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
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विपक्षी दलों के बदलाव लाने वाले बयान पर प्रफुल्ल पटेल ने कसा तंज
उन्होंने विपक्षी दलों के बदलाव लाने के दावे की खिल्ली उड़ाई। कहा कि जिनके एक सांसद या फिर एक भी सांसद नहीं हैं, वैसी पार्टियों का कहना था कि वे बदलाव लाएंगे…। राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल, पवार के करीबी सहयोगी रहे हैं और उन्हें पिछले महीने एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह पवार के साथ कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में मंत्री थे।
बता दें कि रविवार को अजित पवार के पाला बदलने और एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में संकट पैदा हो गया है। अजित पवार के अलावा, छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडो, धर्मरावबाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल रविवार को एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने नौ विधायकों के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास अयोग्यता याचिका दायर की है। वहीं, शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने दोनों सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्हें पत्र लिखा था।
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