Nawab Malik Row Devendra Fadnavis letter Ajit Pawar: नागपुर में महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ट्रेजरी बेंच पर नवाब मलिक की मौजूदगी को लेकर बवाल मच गया। विपक्ष के हमलावर होने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्रियों में टकराव की स्थिति बन गई। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दूसरे डिप्टी सीएम अजीत पवार को एक पत्र लिखकर कहा कि पूर्व मंत्री ‘महायुति’ का हिस्सा नहीं हो सकते। महायुति बीजेपी, एकनाथ शिंदे शिवसेना गुट और अजित पवार के एनसीपी गुट का गठबंधन है।
पवार को लिखे पत्र में फडणवीस ने कहा कि एनसीपी नेता नवाब मलिक से उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है, लेकिन गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें गठबंधन में शामिल करना सही नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन देश सर्वोपरि है।
सत्ता येते आणि जाते.
पण सत्तेपेक्षा देश महत्वाचा… pic.twitter.com/WDzm3Pjo3f— Devendra Fadnavis (Modi Ka Parivar) (@Dev_Fadnavis) December 7, 2023
---विज्ञापन---
फडणवीस ने पत्र में लिखा- “आज पूर्व मंत्री और विधानसभा सदस्य नवाब मलिक ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिया, यह उनका अधिकार है। मैं शुरू से ही यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारे मन में उनके प्रति कोई नाराजगी या दुश्मनी नहीं है। हालांकि, गंभीरता को देखते हुए उन पर जो आरोप लगे हैं, हमारी राय है कि नवाब मलिक को गठबंधन में शामिल करना उचित नहीं होगा।”
फडणवीस ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति के इस तरह के आरोपों से जुड़े होने के कारण गठबंधन को नुकसान पहुंचा है, लेकिन सभी सहयोगी दलों को यह सोचना चाहिए कि किसी का व्यक्तित्व गठबंधन में बाधा न बने।”
फडणवीस ने पवार से कहा, “हम तत्कालीन मुख्यमंत्री और महा विकास अघाड़ी सरकार के विचारों से सहमत नहीं हो सकते, जिसने उन्हें तब भी मंत्री बनाए रखा जब उन्हें देशद्रोहियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मुझे उम्मीद है कि आप हमारी भावनाओं पर ध्यान देंगे।”
नवाब मलिक को एनसीपी विधायकों के साथ देखा गया
दरअसल, ये पूरा मामला नवाब मलिक की विधानसभा में मौजूदगी को लेकर हुआ। सदन में वह अजीत गुट के एनसीपी विधायकों के साथ बैठे नजर आए। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने नवाब मलिक मामले को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की।
नवाब मलिक गुरुवार को नागपुर में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट में शामिल हो गए। गौरतलब है कि मलिक को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 18 महीने की जेल हुई थी। मलिक फरवरी 2022 से अगस्त 2023 तक जेल में थे और फिलहाल मेडिकल जमानत पर बाहर हैं। फडणवीस के पत्र पर सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है। नवाब मलिक जमानत पर बाहर हैं। उन पर आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
ये भी पढ़ें: Resort Politics: वसुंधरा राजे ने बगावत की तो कितनी सीटों की पड़ेगी जरूरत, जानें पूरा समीकरण