Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway: नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए उन गांवों का सर्वे शुरू हो चुका है, जहां से इस एक्सप्रेसवे की सड़क गुजरेगी। एक्सप्रेसवे के बनने से 12 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। इसमें कुल 370 गांवों से जमीन ली जानी है। इसके लिए मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। कहा जा रहा है कि इसके बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही बिजनेस में भी तेजी आएगी, क्योंकि सड़क बनने से कई राज्यों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। इससे सफर में तेजी आएगी, जिससे रास्ते में आने वाले हर गांव और जिले के विकास में मदद मिलेगी।
नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे खास तौर पर धार्मिक स्थलों तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके बनने से सीधी कनेक्टिविटी कोंकड़, विदर्भ क्षेत्र और मराठवाड़ को मिलेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कोंकड़ से गुजरते हुए गोवा तक पहुंच को आसान बनाएगा।
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इसका नाम शक्तिपीठ इसलिए रखा गया है, क्योंकि ये तुलजापुर, रेणुका माता, महालक्ष्मी और अंबेजोगाई जैसी जगहों को आपस में जोड़ने का काम करेगा। इसकी लंबाई लगभग 800 किलोमीटर होगी। सितंबर तक रोड बनाने के लिए जमीन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक कितना काम हुआ पूरा?
इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए करीब 370 की एक लिस्ट बनाई गई है। इन गांवों के लोगों से सरकार जमीन खरीदने वाली है। ताजा अपडेट के मुताबिक, अब तक 110 गांवों की जमीन का मापन किया जा चुका है। इन गांवों से यह रास्ता निकलकर गुजरेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा फायदा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह 12 जिलों और 39 तालुकाओं से होते हुए गुजरेगा। सितंबर के महीने तक बाकी के गांवों की जमीन भी नाप ली जाएगी। इसके बाद ही फिर जिन किसानों से जमीन ली जाएगी उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके बनने से ग्रामीण क्षेत्रों को फायदा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और कनेक्टिविटी में भी सुधार हो सकेगा।
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