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मुंबई

मुंबई के जेजे अस्पताल में हुई रेयर सर्जरी, युवक की आंख से निकाली गई 13 सेंटीमीटर लंबी धातु

मुंबई के जेजे अस्पताल में डॉक्टरों ने एक ऐसा चमत्कार किया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। एक युवक की आंख में 13 सेंटीमीटर लंबी नुकीली कील घुस गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने अपनी सूझबूझ और मेहनत से उसकी आंख और जिंदगी दोनों बचा ली।

Author Reported By : Ankush jaiswal Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 24, 2025 19:16
JJ Hospital Mumbai
JJ Hospital Mumbai

मुंबई के जेजे अस्पताल में एक अद्भुत और चमत्कारी सर्जरी हुई है, जिसने एक 25 साल के युवक की आंख बचाई है। युवक की आंख में 13 सेंटीमीटर लंबा और नुकीली कील का टुकड़ा फंस गया था, जो उसकी आंख की नसों और दिमाग के बेहद करीब था। अगर डॉक्टरों को सही समय पर पता नहीं चलता और सर्जरी में देरी होती, तो युवक अपनी आंख की रोशनी खो सकता था। यह घटना मुंबई के सबसे पुराने और प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल जेजे अस्पताल में हुई, जहां डॉक्टरों की एक अनुभवी टीम ने मिलकर यह मुश्किल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया।

युवक की आंख में गहरा घाव और तुरंत इलाज

युवक को दुर्घटना में आंख में गहरी चोट लगी थी, जिसके बाद उसके परिवार वाले उसे तुरंत जेजे अस्पताल के इमरजेंसी में लेकर आए। डॉक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि धातु का टुकड़ा उसकी दाहिनी आंख के पास घुस चुका था और उसकी लंबाई करीब 13 सेंटीमीटर थी, जो पेन जितना लंबा था। धातु इतनी गहराई तक पहुंच गई थी कि उसकी आंख और दिमाग के बीच की नाजुक नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा था। इस कारण डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया और तीन विभागों ENT, नेत्र रोग और प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टरों ने मिलकर योजना बनाई।

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मुश्किल ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने दिखाई काबिलियत

इस मुश्किल सर्जरी का नेतृत्व ENT विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीनिवास चव्हाण ने किया। ऑपरेशन में बेहद सावधानी बरती गई क्योंकि आंख की नसें और नजदीकी दिमाग की स्थिति इसे बहुत जोखिम भरा बना रही थी। लगभग दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों ने बड़ी सफलता के साथ धातु के टुकड़े को निकाल दिया। सर्जरी के बाद मरीज की हालत स्थिर है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसकी आंख की रोशनी पूरी तरह सुरक्षित रही। अस्पताल प्रशासन ने इस सर्जरी को एक दुर्लभ लेकिन प्रेरणादायक चिकित्सा सफलता बताया है।

सफलता से बची युवक की आंख की रोशनी

जेजे अस्पताल के डीन डॉ. अजय भंडारवार ने कहा कि यह सफलता टीम के अनुभव, तत्परता और सहयोग का नतीजा है। उन्होंने बताया कि सही समय पर इलाज मिलने और डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से मरीज की जिंदगी और उसकी आंख की रोशनी दोनों बचाई जा सकीं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जब डॉक्टरों का अनुभव और टेक्नोलॉजी सही समय पर मिलती है, तो जीवन और स्वास्थ्य दोनों की रक्षा की जा सकता है। इस चमत्कारी सर्जरी से मरीज और उसके परिवार को नई उम्मीद मिली है।

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First published on: May 24, 2025 04:36 PM

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