हिमाचल प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भी टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है। मालेगांव में एक स्कूल के कार्यक्रम में प्रदेश के शालेय शिक्षा मंत्री दादाजी भूसे ने यह बयान दिया। कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए मंत्री भूसे ने कहा कि आपके गांव और स्कूल के पूरे स्टाफ का अभिनंदन करना है। क्योंकि आप एक यूनिफॉर्म में नजर आ रहे हैं।
शिक्षक और शिक्षिकाएं सब एक यूनिफॉर्म में हैं, ड्रेस कोड में हैं। आप सभी को देखकर घोषणा करता हूं कि राज्यव्यापी ड्रेस कोड लागू करेंगे। शिक्षा अधिकारी साहब, अब हमारे शिक्षकों को भी यूनिफॉर्म में आना पड़ेगा और परेशान न हों, इस व्यवस्था के लिए हम छोटी-सी एक निधि भी देंगे। हिमाचल प्रदेश इस मामले में आगे निकल चुका है।
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17 अप्रैल को जारी किया गया आदेश
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के जींस, टी-शर्ट और रंगे बिरंगे पकड़े पहनने पर बैन लग गया है। अब सरकारी स्कूलों के टीचर्स ड्रेस कोड में नजर आएंगे। काफी लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने ड्रेस कोड लागू करने का आदेश जारी किया। 17 अप्रैल 2025 को हिमाचल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुनील वर्मा ने आदेश जारी किए।
आदेशों में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों ड्रेस कोड फॉलो करें, लेकिन अनिवार्य नहीं है। स्कूल स्वेच्छा से टीचर्स पर ड्रेस कोड लागू कर सकते हैं। क्योंकि छात्र शिक्षकों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं। अक्सर छात्र शिक्षकों के पहनावे और व्यवहार को कॉपी करते हैं। शिक्षकों की ड्रेसिंग, व्यवहार, छवि का उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
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हिमाचल में क्या रहेगा ड्रेस कोड?
आदेशों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात पुरुष शिक्षक फॉर्मल पैंट और शर्ट पहनेंगे। महिला शिक्षक दुपट्टे के साथ सलवार-कमीज, साड़ी, चूड़ीदार सूट या फॉर्मल वेस्टर्न ड्रेस पहन सकती हैं। महरून या नीले रंग के ब्लेजर, शूज पहन सकती हैं। मौसम की स्थिति के अनुसार भी टीचर्स ड्रेस कोड को फॉलो कर सकते हैं।