Maharashtra News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में अपात्र महिलाओं के शामिल होने की आशंका के बीच महाराष्ट्र सरकार ने इनकम टैक्स विभाग से विस्तृत जानकारी मांगी है। खासकर उन महिलाओं की जानकारी जो आयकर रिटर्न दाखिल करती हैं, अब तक राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है, और केंद्रीय वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ही यह डेटा राज्य सरकार को मिल सकेगा।
महिलाओं की होगी जांच
महायुति सरकार ने 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी। शुरुआत में 2 करोड़ 67 लाख महिलाओं ने आवेदन किया था और चुनाव पूर्व बिना व्यापक जांच के लगभग 5 महीनों तक हर महिला के खाते में कुल 7500 रुपये की राशि जमा की गई। चुनाव के बाद राज्य सरकार ने योजना की गहराई से जांच शुरू की।
इस जांच में सामने आया कि कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो पहले से ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं, उनके पास चार पहिया वाहन हैं या वे स्वयं सरकारी कर्मचारी हैं। इस छंटनी प्रक्रिया के चलते अब तक 9 लाख महिलाएं योजना से बाहर की जा चुकी हैं।
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टैक्स देने वाली महिलाओं की खोज
सरकार ने 6 महीने पहले इनकम टैक्स विभाग से यह जानना चाहा था कि लाभार्थियों में से कितनी महिलाएं आयकरदाता हैं। लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है, जिससे जांच की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। इस देरी के कारण लाखों महिलाएं अब भी योजना का अनुचित लाभ उठा रही हैं। सरकारी सेवा में कार्यरत कई “लाडली बहनें” भी योजना से पैसे ले चुकी हैं। बीते 9 महीनों में इन सरकारी कर्मचारी महिलाओं ने लगभग 13,500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 3 करोड़ 58 लाख रुपये की राशि सरकारी खजाने से प्राप्त की है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर आयकर विभाग से पूरी जानकारी मिल जाती है, तो लाखों महिलाएं योजना से बाहर हो सकती हैं, जिससे राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ कम होगा और योजना की पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
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