Maharashtra News: महाराष्ट्र में इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है। इसी बीच एक बड़ा ऐलान किया गया है। दरअसल, महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशिष शेलार ने बताया कि गणेशोत्सव को अब ‘राज्य का उत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा। इस पारंपरिक और सांस्कृतिक उत्सव में आने वाली अधिकांश बाधाओं को राज्य सरकार ने दूर कर दिया है। पीओपी मूर्तियों के मुद्दे पर भी सरकार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में न्यायालय में आवश्यक भूमिका निभाई है।
शेलार ने की अपील
शेलार ने सभी गणेश मंडलों से आग्रह किया कि वे इस उत्सव को पर्यावरण पूरक, सामाजिक रूप से जागरूक और देशभक्ति से प्रेरित झांकियों के माध्यम से उत्साहपूर्वक मनाएं। उन्होंने कहा कि सरकार इस उत्सव को भव्य रूप से मनाने के लिए 100 करोड़ या उससे अधिक की राशि खर्च करने को तैयार है। इस कदम से न केवल महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को बल मिलेगा, बल्कि जनभागीदारी और सामूहिक उत्सव भावना को भी नई दिशा मिलेगी।
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गणेशोत्सव – महाराष्ट्र राज्याचा महोत्सव!
---विज्ञापन---महाराष्ट्रात गणेशोत्सव 1893 साली लोकमान्य टिळकांनी सुरू केला, या उत्सवाची पार्श्वभूमी ही सामाजिक, राष्ट्रीय, स्वतंत्रता, स्वाभिमान, स्वभाषा या सगळ्यांशी संबंधित आहे. होता आणि त्या पद्धतीनेच चालू आहे महाराष्ट्राचा गौरव आणि अभिमान असावा… pic.twitter.com/loulv1x8uY
— Adv. Ashish Shelar – ॲड. आशिष शेलार (@ShelarAshish) July 10, 2025
उन्होंने कहा कि ‘महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की शुरुआत लोकमान्य तिलक ने 1893 में की थी। इस त्योहार की पृष्ठभूमि सामाजिक, राष्ट्रीय, स्वतंत्रता, स्वाभिमान और मातृभाषा से जुड़ी है।’
प्रदूषण पर होगा कंट्रोल
इसके पहले शेलार ने भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर कहा था कि ‘सरकार इस बार गणेश जी की बड़ी मूर्तियों, प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के विसर्जन के बारे में भी सोच रही है। इसके लिए खास इंतजाम किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा था कि ‘यह फैसला पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे प्रदूषण कम होगा।’ इसके लिए गणेश जी की मूर्ति बनाने वाले लोगों से भी बात की गई थी।
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