महाराष्ट्र में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। भोर विधानसभा के पूर्व विधायक संग्राम थोपटे ने आज भाजपा जॉइन कर ली। उन्होंने प्रदेश में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की मौजूदगी में भाजपा जॉइन की। संग्राम थोपटे के साथ कई कांग्रेस पदाधिकारियों और अन्य नेताओं ने भी भाजपा की सदस्यत ली है। बता दें कि संग्राम अनंतराव थोपटे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। वे भोर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं। वे भोर से 3 बार विधायक रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बाद आज 22 अप्रैल दिन मंगलवार को भाजपा जॉइन कर ली।
संग्राम भोर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार विधायक रहे और राज्य सरकार में मंत्री रहे अनंतराव थोपटे के पुत्र हैं। 22 मार्च 2017 को संग्राम थोपटे को राज्य के बजट सत्र के दौरान 31 दिसंबर 2017 तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन पर महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के संबोधन को बाधित करने और विधानसभा के बाहर बजट की प्रतियां जलाने के आरोप लगे थे। उनके साथ 18 अन्य विधायकों को भी निलंबित किया गया था। संग्राम थोपटे साल 2024 का विधानसभा चुनाव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार शंकर मंडेकर से हार गए थे।
यह भी पढ़ें:झटका! UP में बिजली हुई महंगी; जानें अब लोगों को कितने रुपये ज्यादा देने होंगे?
शनिवार को दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
बता दें कि संग्राम थोपटे का परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा था, लेकिन 18 अप्रैल दिन शुक्रवार को अचानक उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 20 अप्रैल दिन रविवार को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान किया था। संग्राम ने बताया था कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला को सौंपा है। इस्तीफा देते ही अपने सोशल मीडिया हैंडल से कांग्रेस का ‘लोगो’ भी हटा दिया था। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री रह चुके पुणे जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनंतराव थोपटे के बेटे संग्राम थोपटे का नाम महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उठा था।
क्यों छोड़ी थी कांग्रेस?
संग्राम थोपटे ने बताया कि कांग्रेस की ओर से उन्हें काफी समय से नजरअंदाज किया जा रहा था। साल 2019 से भी अलग-थलग महसूस कर रहे थे। पिछले साल विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें उन्होंने अपने समर्थन में रैली के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई उनके पक्ष में रैली करने नहीं आया। परिणामस्वरूप वह चुनाव हार गए और चुनाव हारने के बाद किसी ने उनसे बात तक नहीं की। वहीं संग्राम थोपटे के जाने से कांग्रेस को पश्चिम महाराष्ट्र में झटका लग सकता है, क्योंकि थोपटे का असर पुणे, कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पश्चिम महाराष्ट्र के कई जिलों में है।
यह भी पढ़ें:भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी इस सीट से लड़ सकती हैं बिहार चुनाव, सियासी गलियारों में क्यों छिड़ी चर्चा?