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महाराष्ट्र में मनोज जरांगे के यूटर्न से किसका फायदा? BJP-NCP फैसले से गदगद

Manoj Jarange Will not Contest Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में नाम वापसी के आखिरी दिन बीजेपी को बड़ी जीत मिली। मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे ने अपने समर्थकों को सभी 25 सीटों से नाम वापस लेने को कहा है।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 4, 2024 12:12
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Manoj Jarange Will not Contest Maharashtra Election 2024
Manoj Jarange Will not Contest Maharashtra Election 2024

Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर मनोज जरांगे ने नाम वापस लेने का ऐलान कर दिया है। मनोज जरांगे ने कहा कि वे चुनाव नहीं जीत सकते क्योंकि उन्हें चुनाव में सभी जातियों को साथ नहीं मिलेगा। सभी जातियों का वोट लिए बिना चुनाव नहीं जीता जा सकता। मनोज जरांगे और उनके समर्थक 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। इससे पहले कल रात में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ फैसला लिया था कि वे सभी 25 सीटों को लेकर कल अपने फैसले से सभी को अवगत कराएंगे।

मनोज जरांगे महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई सालों से अहम किरदार बने हुए हैं। प्रदेश में मराठा आरक्षण को लेकर वे कई बार भूख हड़ताल भी कर चुके हैं, जनवरी 2024 में स्वयं सीएम एकनाथ शिंदे ने उन्हें जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त करवाई थी। इसके बाद सरकार ने आरक्षण देने का फैसला किया था। लेकिन ओबीसी के हिस्से में आरक्षण को लेकर एक बार फिर उन्होंने आंदोलन शुरू किया था। ऐसे में चुनाव से पहले मराठा उम्मीदवारों के नाम वापसी से बीजेपी और एनसीपी ने राहत की सांस ली है।

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लोकसभा चुनाव में अंजाम भुगत चुकी बीजेपी

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की शुरुआत से ही कोशिश थी कि वे मनोज जरांगे को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार न उतारने को लेकर मनाएंगे। मनोज जरांगे ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। इसके बाद बीजेपी को इसके नुकसान का अंदेशा होने लगा था। लोकसभा चुनाव में भी मराठाओं को मैनेज नहीं करने का परिणाम बीजेपी ने भुगता था। पार्टी को मराठावाड़ा की सभी 8 सीटों पर हार मिली थी। मराठाओं का विधानसभा की 46 सीटों पर सीधा प्रभाव है। ऐसे में बीजेपी को सत्ता में वापसी के लिए जरूरी था कि कैसे भी करके मनोज जरांगे को मनाया जाए।

बीजेपी ने नाराज मराठाओं को ऐसे मनाया

इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, बीजेपी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने मनोज जरांगे से बातचीत की और उन्हें मनाया। पार्टी इस बात से भली भांति वाकिफ है कि बिना मराठाओं को साधे प्रदेश में चुनावी जीत दर्ज करना मुश्किल है। ऐसे में नाम वापसी से एक दिन पहले तीनों बड़े नेताओं ने मराठा नेता मनोज जरांगे से बातचीत की और आरक्षण के मुद्दे को चुनाव के बाद बीच का रास्ता निकालकर हल करने की बात कही। इसके बाद मनोज जरांगे ने हथियार डाल दिए।

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किसको मिलेगा फायदा?

लोकसभा चुनाव में मराठाओं की नाराजगी का अंजाम भुगत चुकी बीजेपी इस बार अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। मराठाओं के प्रभाव वाली सभी 8 सीटों पर पार्टी को हार मिली थी। ऐसे में विधानसभ चुनाव से पहले मनोज जंरागे के ऐलान से बीजेपी ने राहत की सांस ली है। इसके अलावा इस क्षेत्र में एनसीपी शरद पवार का भी बड़ा प्रभाव है। मराठा समुदाय में से अधिकांश लोग किसानी का काम करते हैं। शरद पवार का किसानों के बीच सीधा प्रभाव है। ऐसे में उनके इस निर्णय से शरद पवार भी खुश है। हालंकि इसका फायदा किसको मिलता है, यह भी देखने वाली बात होगी।

ये भी पढ़ेंः Maharashtra Chunav 2024: मनोज जरांगे नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, सभी 25 सीटों से वापस लेंगे नामांकन

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 04, 2024 12:12 PM

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