Maharashtra News: महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग एवं कृषि (MACCIA) ने मंगलवार के दिन एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि वह अब तुर्की और अजरबैजान के साथ किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेगा। यह निर्णय चेंबर की एक विशेष बैठक के दौरान लिया गया, बैठक का उद्देश्य भारत की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता देना था। बैठक में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
तुर्की और अजरबैजान ने किया पाक का समर्थन
बैठक का आयोजन ऐसे समय में किया गया जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। तुर्की और अजरबैजान खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं, जिससे भारतीय व्यापारिक समुदाय में चिंता की लहर है। चेंबर ने सभी व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों को एक मंच पर लाकर यह संदेश दिया कि भारत के खिलाफ खड़े देशों के साथ आर्थिक संबंध रखना उचित नहीं है।
भारत को चुनौती देने वालों को नहीं करेंगे बर्दाश्त
महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स ने निर्णय लिया कि अब वह तुर्की और अजरबैजान से कोई व्यापारिक लेन-देन नहीं करेगा। चेंबर के अनुसार, यह निर्णय केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी लिया गया है, ताकि देश की आर्थिक ताकत उन राष्ट्रों के समर्थन में न जाए जो भारत की अखंडता को चुनौती देते हैं।
देशहित में बड़ा कदम
महाराष्ट्र चेंबर का यह फैसला केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अन्य राज्यों की व्यापारिक संस्थाएं भी प्रेरित होंगी और देशहित को प्राथमिकता देने की दिशा में सोचेंगी।
नासिक में हुई बैठक आयोजित
बैठक की अध्यक्षता ललित गांधी ने की। उनके साथ उपाध्यक्ष रविन्द्र मंगवे, करुणकर शेट्टी, शंकर शिंदे, संजय सोनवणे, संगीता पाटिल, रमाकांत मालू, दिलीप गुप्ता, प्रफुल मालानी और श्रीकृष्ण परब मौजूद थे। चेंबर के प्रधान सचिव सुरेश घोरपड़े ने निर्णयों को औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया। यह बैठक नासिक में आयोजित की गई थी।