विधानसभा चुनाव से पहले हड़बड़ी में शुरू की गई मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना से महायुति सरकार दोबारा सत्ता में आई, लेकिन अपात्र बहनों के कारण सरकार को करीब 5 हजार करोड़ की चपत लग गई। मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना में कुल लाभार्थी महिलाओं की संख्या थी 2 करोड़ 52 लाख। इनमें से 26 लाख 34 हजार लाडली बहनें अलग-अलग कारणों से अपात्र पाई गईं। पिछले एक साल में इन अपात्र लाभार्थियों को 4800 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आदिती तटकरे ने खुद ट्विटर पर अपात्र लाभार्थियों के आंकड़े जारी किए। महाराष्ट्र में फड़नवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की पड़ताल का फैसला लिया गया। अन्य विभागों से जानकारी हासिल की गई, जिसमें यह सामने आया कि 26 लाख 34 हजार लाडली बहनें अपात्र हैं।
योजना में कई गड़बड़ियां सामने आईं
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की जांच में कई गड़बड़ियां सामने आईं-
- 14,298 पुरुषों ने महिलाओं के नाम का इस्तेमाल कर 27 करोड़ रुपये लूटे।
- कई परिवारों में दो से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ लेती हुई पाई गईं।
- 65 साल से अधिक आयु की महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलना था, फिर भी लाखों महिलाओं ने इसका लाभ उठाया।
- योजना में कुछ लाडली बहनें ऐसी भी पाई गईं, जो सरकारी नौकरी करते हुए इस सरकारी योजना का फायदा ले रही थीं।
जून महीने से अपात्र लाभार्थियों को नहीं मिल रहे पैसे
26 लाख 34 हजार अपात्र लाभार्थियों का पैसा जून महीने से फिलहाल रोका गया है। इस पूरे मामले पर महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आदिती तटकरे के मुताबिक, सरकार को फसाने वाले अपात्र लाभार्थियों पर क्या कार्रवाई करनी है और क्या इनसे रकम वापस लेनी है। इस पर फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से चर्चा के बाद लिया जाएगा।
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