भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए दक्षिणी कमान एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. आने वाले दिनों में भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स त्रिशूल’ करने जा रही हैं. यह अभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘JAI विजन- Jointness (संयुक्तता), Atmanirbharta (आत्मनिर्भरता) और Innovation (नवाचार)’ को साकार करने की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल धीरज करेंगे नेतृत्व
इस अभ्यास की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ करेंगे. उनके नेतृत्व में दक्षिणी कमान तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल, स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल और आधुनिक युद्ध क्षमता को बढ़ाने पर जोर दे रही है.
‘एक्स त्रिशूल’ के दौरान सेनाएं समुद्र, रेगिस्तान और क्रीक क्षेत्रों में मिलकर कई तरह के मिशन चलाएंगी. इनमें एम्फीबियस लैंडिंग, संयुक्त आक्रामक अभियान, और इंटेलिजेंस व सर्विलांस ऑपरेशन (ISR) जैसे जटिल अभ्यास शामिल होंगे. इसका मकसद यह देखना है कि तीनों सेनाएं एक साथ कितनी प्रभावी तरीके से काम कर सकती हैं.
मल्टी-डोमेन वारफेयर पर रहेगा फोकस
इस अभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, साइबर ऑपरेशंस और मल्टी-डोमेन वारफेयर पर भी खास ध्यान दिया जाएगा, ताकि सेनाएं आधुनिक तकनीक और नए तरह के खतरों से निपटने के लिए तैयार रहें.
क्या बोले लेफ्टिनेंट जनरल?
लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने कहा, ‘एक्स त्रिशूल’ सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि तीनों सेनाओं को एक दिशा में सोचने और साथ काम करने का मौका है. संयुक्तता हमारी ताकत है, आत्मनिर्भरता हमारी जरूरत और नवाचार हमारा भविष्य है. इस पर अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास दक्षिणी कमान की तेज और संगठित कार्यशैली का उदाहरण है, जो हर स्थिति में तुरंत और सटीक प्रतिक्रिया देने के लिए जानी जाती है.
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