Devendra Fadnavis on Marathi Row: महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर कुछ दिनों के लिए ही सही लेकिन विराम जरूर लगा था। इस बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भाषा को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं उस मानसिकता के खिलाफ हूं जो भारतीय भाषाओं को नकारती है और अंग्रेजी के लिए लाल कालीन बिछाती है। सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मराठी छात्र अगर मराठी भाषा के साथ-साथ कोई दूसरी भारतीय भाषा सीखे तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
मराठी छात्रों को एक और भाषा सीखनी चाहिए – सीएम
सीएम फडणवीस ने भाषा विवाद को लेकर कहा कि मराठी छात्रों के लिए महाराष्ट्र में मराठी पहले से अनिवार्य है। ये प्रदेश की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि मराठी छात्रों को मराठी के साथ-साथ एक और भाषा सीखनी चाहिए ताकि उनकी भाषाई विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिल सके।
सीएम ने आगे कहा कि मैं उस मानसिकता का विरोध करता हूं जो भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बजाय अंग्रेजी को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का दृष्टिकोण क्षेत्रीय भाषाओं और सांस्कृतिक विरासत की उपेक्षा करता है।
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पहले मराठी बोली जाती है फिर हिंदी- अजीत पवार
सीएम ने कहा कि मराठी भाषा महाराष्ट्र के पहले दिन से ही अनिवार्य है। लेकिन अगर छात्र मराठी के साथ कोई दूसरी भारतीय भाषा सीखते हैं तो इसमें गलत क्या है? इससे पहले डिप्टी सीएम अजीत पवार ने प्रदेश में मराठी की प्रधानता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि पहले यहां मराठी बोली जाती है और फिर हिंदी। यह शाह, फुले और अंबेडकर का महाराष्ट्र है।
पवार ने आगे कहा कि अपनी मातृभाषा छोड़ने के बाद मराठी लोग प्रदेश के बाहर हिंदी बोलते हैं। अगर यहां रहने वाले मराठी नहीं बोल सकते हैं तो उन्हें कहना चाहिए उन्हें मराठी नहीं आती। हम उसका सम्मान करते हैं।
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