Chhagan Bhujbal Devendra Fadnavis Meeting: फडणवीस कैबिनेट में मंत्र नहीं बनाए जाने से नाराज छगन भुजबल ने NCP सुप्रीमो अजीत पवार से मिलने की बजाय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात मुख्यमंत्री फडणवीस के बंगले सागर में हुई। इस मुलाकात के दौरान छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल भी मौजूद थे। दोनों ने मुख्यमंत्री को उनके साथ पिछले 2 सप्ताह में क्या-क्या हुआ, वह सब बताया।
तीनों के बीच 40 मिनट तक मुलाकात चली। बैठक खत्म होने के बाद भुजबल ने मुलाकात को सकारात्मक बताया। भुजबल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जो जीत महायुति की हुई है, उसमें OBC वोटबैंक ने भी अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ कई सामाजिक विषयों पर बातचीत हुई। क्रिसमस का त्योहार और नए साल के जश्न के चलते उन्होंने 8 से 10 दिन का वक्त मांगा है और कहा कि नुकसान नहीं होने देंगे, बस समय दीजिए।
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छगन भुजबन और अजीत पवार में बढ़ने लगी दूरियां
छगन भुजबल ने बताया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें आश्वासन दिया है और कहा कि कुछ न कुछ रास्ता निकलेगा। थोड़ा समय दीजिए, OBC का नुकसान नहीं होगा। वे OBC समाज का नुकसान नहीं होने देंगे। कल OBC के कई संगठनों ने एक मंच पर आकर समाज की बैठक की। इस बैठक में छगन भुजबल का समर्थन किया गया और समाज की भलाई के लिए हमेशा सोचने वाले भुजबल का समर्थन करने की घोषणा समाज के नेताओं ने की।
भुजबल और अजीत पवार के बीच दूरियां और बढ़ाने लगी हैं। भुजबल ने NCP की तरफ़ से राज्यसभा सदस्य बनाए जाने के ऑफर को दूसरी बार भी ठुकरा दिया है। बता दें कि भुजबल को मंत्री नहीं बनाने से महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में रास्ता रोको आंदोलन और विरोध प्रदर्शन जारी हैं। वहीं छगन भुजबल ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही उन्हेांने समर्थकों से बातचीत करके भाजपा जॉइन करने के संकेत दिए।
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महाराष्ट्र में तीसरी बार बनी महयुति की सरकार
बता दें कि महाराष्ट्र में तीसरी बार महायुति गठबंधन की सरकार मिली है। भाजपा, शिवसेना एकनाथ शिंदे, NCP अजीत पवार ने मिलकर सरकार बनाई है। क्योंकि अकेली भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, इसलिए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री बनाया गया। एकनाथ शिंदे और अजीत पवार उप-मुख्यमंत्री बने हैं। 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह हुआ। 15 दिसंबर को कैबिनेट का विस्तार हुआ। सरकार में शामिल हुए मंत्रियों को विभाग भी सौंप दिए गए हैं।
महायुति गठबंधन ने 235 और महाविकास अघाडी गठबंधन ने 47 सीटें जीतीं। निर्दलीय और AIMIM समेत अन्य दलों ने 6 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132, शिवसेना शिंदे ने 57 और NCP अजित पवार ने 41 सीटें जीतीं। महाविकास अघाडी में शिवसेना उद्धव ठाकरे ने 20 सीटें जीती। कांग्रेस ने 16, NCP शरद पवार ने 10 सीटें जीती। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 2 सीटें जीती।
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