Who is Atul Limaye: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने पूरे देश को चौंका दिया है। महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीट हैं, यहां किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 सीट चाहिए। नतीजों पर नजर डालें तो महायुति ने बहुमत प्राप्त किया है उसे कुल 233 सीटें मिली हैं। महायुति की इस जीत के पीछे बीजेपी, एनसीपी अजित पवार, शिवसेना शिंदे गुट समेत एनडीए की सभी पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लेकिन इस सब के बीच इस जीत में आरएसएस के 54 वर्षीय संयुक्त महासचिव अतुल लिमये का नाम सामने आया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि लिमये महायुति गठबंधन की इस जीत के अहम सूत्रधार हैं। उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने और असंतुष्ट सामाजिक समूहों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ये भी पढ़ें: 9% वोट शेयर के साथ NCP को मिलीं 41 सीटें, 34% वोट पाकर भी कांग्रेस+ 45 पर सिमटी
Atul Limaye is the Shetra Pracharak of Maharashtra. He quit his job in MNC in his early 20’s to become a Pracharak.
He organised Shiv Sakthi Sangam celebrating the legacy of Chhatrapati Shivaji in 2016.---विज्ञापन---Sajag Raho the personalised Door to Door outreach was strategised by him. 🙏 pic.twitter.com/0FiZ7hspYC
— JVC Sreeram (Bulls Eye) (@sreeramjvc) November 24, 2024
कौन हैं अतुल लिमये ?
अतुल लिमये ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह नासिक के रहने वाले हैं। आरएसएस में पूर्णकालिक प्रचारक बनने से पहले वह लगभग तीन दशक तक एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत थे। बता दें लिमये महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से एक्टिव हैं। बता दें साल 2014 में जब भाजपा राज्य में सत्ता में आई थी, तब लिमये महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा सहित पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र के प्रभारी थे।
लिमये की इस रणनीति ने दिलाई जीत
संघ से जुड़ने के बाद लिमये ने पहले पश्चिमी महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में काम किया। वे अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ रायगढ़ और कोंकण में सक्रिय रहे। फिर बाद में मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्रों होते हुए देवगिरि प्रांत के सह प्रांत प्रचारक बनाए गए। बीजेपी के नेता बताते हैं कि लिमये सोची-समझी सामाजिक इंजीनियरिंग के साथ काम करते हैं। असंतुष्ट सामाजिक समूहों के लोगों तक पहुंचना और उन्हें अपना बनाने की कला में वे माहिर हैं।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र की ये 5 सीटें, जहां 200 से 3000 वोटों के अंतर से हार-जीत हुई तय