Sharad Pawar Jibe At Ajit Camp: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को एक कार्यक्रम में अपने बागी भतीजे और उनके गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी क्योंकि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू की थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जेल में रहते हुए अपनी वफादारी बदलने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने जांच का सामना करने का फैसला लिया।
अजित पवार का नाम तक नहीं लिया
शरद पवार पार्टी की तरफ आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में अपने बागी भतीजे अजित पवार का नाम भी नहीं लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर गए, उन लोगों ने दावा किया कि वे विकास के लिए सरकार का हिस्सा बनना चाहते थे। लेकिन ये सच नहीं है। दरअसल, वे प्रवर्तन निदेशालय की जांच के डर से भाजपा में शामिल हुए। कुछ सदस्यों को भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया था। यह भी कहा गया था कि अगर वे शामिल नहीं हुए तो उन्हें कहीं और भेज दिया जाएगा।
Pune, Maharashtra | NCP chief Sharad Pawar says "Recently some of our people joined the government. They are saying they went on the issue of development but there was no major meaning to it. Some of them were under ED investigation, some of them did not want to face the… pic.twitter.com/mCnfSTvnkx
— ANI (@ANI) August 20, 2023
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देशमुख 14 महीने जेल में रहे, मगर नहीं टूटे
शरद पवार ने कहा कि पार्टी के कई नेता जांच का सामना करने के लिए तैयार थे। उनमें से एक पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख हैं। देशमुख 14 महीने तक जेल में रहे। उनके सामने भाजपा में जाने का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन उन्होंने एनसीपी न छोड़ने का फैसला लिया। शरद पवार ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्या है। किसान भी परेशान हैं। सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए।
जुलाई में अजित ने ली उप मुख्यमंत्री की शपथ
जुलाई के पहले हफ्ते में अजित पवार और उनके साथ 8 विधायकों ने एनसीपी से बगावत करते हुए शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए थे। अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। जबकि उनके साथ गए 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया।
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