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मुंबई

महाराष्ट्र में 36 करोड़ की 100 शववाहिनी एंबुलेंस बन रहीं कबाड़, आदित्य ठाकरे ने लगाए ये गंभीर आरोप

Maharashtra News: महाराष्ट्र में पिछले दिनों अस्पतालों के लिए 100 एंबुलेंस खरीदी गई थीं। इनकी खरीद पर 36 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। खरीद के 4 महीने बाद भी ये एंबुलेंस उपयोग में नहीं लाई गई हैं। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है।

Author Reported By : Vinod Jagdale Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 12, 2025 16:36
Maharashtra News

Mumbai News: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले दिनों 100 नई शववाहिनी एंबुलेंस खरीदी थीं, लेकिन इनको अब तक उपयोग में नहीं लाया गया है। ये एंबुलेंस पुणे शहर के नायडू सरकारी अस्पताल में एक जगह खड़ी हुई हैं और कबाड़ बनती जा रही हैं। सभी एंबुलेंस लगभग 36 करोड़ रुपये में खरीदी गई थीं। प्रत्येक एंबुलेंस की लागत 36 लाख रुपये है। हैरानी की बात है कि इनकी खरीद को 4 महीने से अधिक समय हो गया, लेकिन इनको अभी तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है। इसकी वजह से ये लगातार खराब होती जा रही हैं। खड़े रहने की वजह से इनके टायर फूलने लगे हैं और धूल इनके ऊपर जम चुकी है। विपक्ष ने एंबुलेंस खरीद पर सवाल उठाते हुए इसे करप्शन की डील बताया है।

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एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने मामले में कहा कि ये एंबुलेंस महाराष्ट्र के विभिन्न नगरपालिका अस्पतालों में सेवाएं देने के उद्देश्य से खरीदी गई थीं। पिछले साल दिसंबर में इनकी डिलीवरी मिलनी शुरू हुई थी, जब शिंदे सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने इनकी खरीद को मंजूरी दी थी। इन एंबुलेंसों के खराब होने की मुख्य वजह प्रशासनिक समन्वय की कमी है। समय पर अनुमोदन नहीं मिलने के कारण ये एंबुलेंस अस्पतालों में सही तरीके से आवंटित नहीं हो पाईं और अब अधिकांश खराब हो चुकी हैं। यह स्थिति न केवल जनता के पैसों की बर्बादी को दर्शाती है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी गंभीर खतरे की ओर इशारा करती है।

आदित्य ठाकरे बोले- सरकार बरत रही लापरवाही

शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे ने मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस खरीद में घोटाला किया गया। इस घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के साथ तत्कालीन सीएम एकनाथ शिंदे के परिवार का एक सदस्य भी शामिल था। जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया। इन एंबुलेंसों का खराब होना और बेकार पड़े रहना एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे सरकारी योजनाओं में लापरवाही बरती जा रही है? सरकार में आपसी समन्वय की कमी जनता के लिए बड़ा नुकसान बन सकती है। मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि जहां भी जरूरत है, वहां ये एंबुलेंस भेजी जाएंगी।

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Parmod chaudhary

Reported By

Vinod Jagdale

First published on: Mar 12, 2025 04:36 PM

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