इमरान खान, खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कोटाघाट में तीन बहनों के आत्महत्या मामले की गुत्थी सुलझ गयी है। पुलिस के मुताबिक युवतियों को इनकी भाभी गेहूं नहीं देती थीं, खेत में भी काम करने नहीं जाने दिया जाता था। बैल खुद के होने के बाद भी खेत से निकलने वाले गेहूं पर भाभी ताला लगाकर रखती थी। वहीं दूसरी ओर एक बहन ससुराल में शराबी पति से दुखी थी। इस तरह की चार वाइस रिकार्डिंग से पुलिस ने तीन सगी बहनों की आत्महत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। ममाले का खुलासा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में किया।
मोबाइल से खुला राज
बता दें कि कुछ दिन पहले ग्राम कोटाघाट में रात के समय तीन सगी बहनें सोनू, सावित्री और ललिता ने एकसाथ फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। तीनों के शव घर से कुछ दूर नीम के पेड़ पर लटके मिले थे। इस मामले में जावर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया था। केस का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान मृतका सोनू के मोबाइल को जब्त किया था जिसके बाद उसकी कॉल डिटेल और व्हाट्सऐप संदेश खंगाले गए।
वॉइस रिकॉर्डिंग बनी सबूत
घटना की रात फांसी लगाने से पहले सोनू, सावित्री और ललिता ने अपनी बड़ी बहन चंपक से बात की। इसके बाद सोनू ने रात करीब नौ बजे चार वॉइस रिकार्डिंग की। यह रिकार्डिंग उसने गुड़ी में रहने वाले बड़े भाई, बड़ी बहन और जीजा को भेजी। इसमें में उसने सावित्री के पति का जिक्र किया कि वह शराब के आदी हैं और उसकी बहन को परेशान करते हैं। उसे शादी के बाद कभी सुख नहीं दिया। बड़ी बहन और भाई को भेजी रिकार्डिंग में कहा कि पिता की मौत के बाद खेत से निकलने वाले गेहूं पर भाभी ने कब्जा कर रखा है।
कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहता परिवार
मृतिका सोनू ने आगे बताया कि खेत हमारे भी हैं और बैल भी लेकिन न तो उन्हें खेत में काम करने दिया जाता है और न ही खाने के लिए गेहूं देते हैं। मक्का की रोटी खाना पड़ती है। भाभी से जब भी गेहूं मांगे तो वह मना कर देती हैं। उन्होंने गेहूं की कोठी में ताला लगा रखा है। इस बारे में कई बार भाई से कहा तो वह भाभी को कुछ नहीं कहता। अब हम लोग अकेले रह गए हैं। अभी जब बहन सावित्री की शादी हुई लेकिन उसे भी ससुराल में सुख नहीं। जीजा शराब पीकर आते हैं। वह शराब के नशे में ही रहते हैं। इस तरह से तीनों बहनें काफी समय से अवसाद में थीं। इसके चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया। हालांकि, इस मामले में परिवार ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की इच्छा जताई है।
इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में भी उबाल ला दिया था, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि, इस घटना के पीछे अलग-अलग कारण सामने आ रहे, निष्पक्ष जांच हो। सरकार की ओर से मंत्री विजय शाह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था।