MP Politics: मध्य प्रदेश में आज टंट्या मामा का बलिदान दिवस जोर शोर से मनाया जा रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में एक आज बड़ी घोषणाएं की हैं। सीएम शिवराज ने कहा कि इंदौर के नजदीकी रेलवे स्टेशन पातालपानी और भंवरकुआं चौराहे को अब टंट्या मामा के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि टंट्या मामा का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इंदौर के भंवरकुआं चौराहे पर टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
एमपी में लव-जिहाद नहीं चलेगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं, इंदौर में उन्होंने कहा कि प्रदेश में लव-जिहाद मध्य प्रदेश में बिल्कुल नहीं चलेगा, इसके खिलाफ हमने कानून बनाया है, अगर जरुरत पड़ी तो और भी कड़ा कानून लाएंगे, लेकिन लव जिहाद एमपी में नहीं चलने दिया जाएगा। किसी भी आदिवासी की जमीन पर कब्जा करने के लिए आदिवासी महिला से शादी नहीं कर सकते हैं, प्रदेश में सभी से सख्ती से निपटा जाएगा, मध्य प्रदेश में ये सब नहीं चलेगा।
पैसा कानून आपका अधिकार है
सीएम शिवराज ने कहा कि ‘पैसा कानून आदिवासियों का अधिकार है, यह मध्य प्रदेश में लागू हो गया है, इसलिए मैं आपको पैसा कानून समझाने आया हूं। क्योंकि इस पैसा कानून में आदिवासियों को कई हक-अधिकार हैं, कांग्रेस भड़काए तो डरना मत, ये किसी के खिलाफ नहीं है, भगवान ने सबके लिए धरती बनाई है, ये जंगल, ये जल सबका है। इसलिए आपको आपका अधिकार लेना है। अब आदिवासी की जमीन कोई हड़प नहीं सकता, दूसरे धर्म के लोग हमारे आदिवासी बहनों से विवाह करके जमीन हड़प लेंख, ऐसा मैं होने नही दूंगा, ये लव नहीं, ये जिहाद है, कोई हमारी बहनों से शादी करके 35 टुकड़े कर दे ये नहीं चलेगा। हम ऐसे लोगों को बख्शेगे नहीं।
ग्राम सभा को दिए कई अधिकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब प्रदेश में ग्राम सभा को कई अधिकार दिए जाएंगे, क्योंकि अब सरकार भोपाल से नहीं चौपाल से चलेगी, सब अधिकार ग्राम सभा के पास होंगे, अब ग्राम सभा की अनुमति के भांग और शराब की दुकान नहीं खुल सकेगी, मनरेगा का पैसा भी ग्राम सभा ही तय करेगी। ठेकेदार मजदूर बाहर जाएंगे तो ग्रामसभा को बताना होगा। सारे अधिकार ग्राम सभा के पास होंगे।
बता दें कि टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर बड़ा आयोजन किया गया है। इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 30 से भी ज्यादा जिलों के आदिवासियों को बुलाया गया है, करीब 2300 बसों में आदिवासियों को इंदौर लाया जा रहा है, राजनीतिक जानकारों की माने तो पूरा मामला 2023 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटबैंक सबसे ज्यादा अहम भूमिका निभाएगा, प्रदेश की 230 सीटों में एससी एसटी वर्ग के लिए 35 और आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं. इतना ही नहीं करीब 84 सीटें ऐसी हैं, जिनपर आदिवासी वोट बैंक का खासा प्रभाव रहता है, इसलिए बीजेपी की आदिवासी वोटबैंक पर पूरी नजर है।