भिंड: मध्यप्रदेश पुलिस ने झूठी और भ्रामक खबर चलाने के मामले में भिंड के तीन लोकल पत्रकारों पर केस दर्ज कर लिया है। इन पत्रकारों पर गलत खबर के माध्यम से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करने का आरोप है। दरअसल ये कार्रवाई जिले में कुछ दिनों पहले वायरल हुए एक वीडियो की जांच के बाद की गई है जिसमें एक बेटा अपने पिता को हाथगाड़ी पर बैठाकर अस्पताल ले जा रहा था।
ये है पूरा मामला
भिंड के तीन पत्रकारों पर दमोह के मेडिकल कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर राजीव कुमार की शिकायत पर की गई है। इन तीनों के 15 अगस्त 2022 को एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में भिंड के एक गांव के बारे में बताया गया है। वीडियो में एक बेटा अपने पिता को अस्पताल के लिए हाथगाड़ी पर ले जाते हुए दिखाई दे रहा है।
इस पर पत्रकारों ने ये दावा किया कि 108 पर एंबुलेंस को कॉल करने के बाद भी वह नहीं आती है और इसीलिए 5 किलोमीटर तक ऐसे हाथगाड़ी पर उपचार के लिए ले जाया जा रहा है। वहीं पत्रकारों के मुताबिक इस परिवार को सरकारी योजनाओं के भी लाभ नहीं मिल रहे हैं।
डीएम ने जांच के लिए बनाई कमेटी, हुआ खुलासा
वीडियो वायरल होने के बाद डीएम सतीश कुमार ने इसकी जांच के आदेश दिए। जिसके बाद जांच में ये पाया गया कि बेटा अपने पिता को निरंतर मेडिकल जांच के लिए अपनी ही हाथगाड़ी पर ले जाता था। उसने 108 एंबुलेंस को भी फोन नहीं लगाया था। जांच में ये भी पता चला कि परिवार को पीएम आवास योजना, पेंशन योजना समेत अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती है।
जांच कमेटी के खुलासे के बाद दमोह के मेडिकल कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर राजीव कुमार ने तीन लोकल पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 505(2) और आईटी एक्ट के सेक्शन 66(F) 1 के तहत केस दर्ज किया है।