ग्वालियर: मध्यप्रदेश में इस साल अगर आप गरबा खेलने या फिर देखने जा रहे हैं तो आपकों अपने साथ पहचान पत्र भी ले जाना अनिवार्य होगा। दरअसल प्रदेश में बिना आईडी कार्ड के गरबा देखनें पर नो एंट्री लगा दी गई है। इसका ऐलान प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने किया है। नवरात्रि में गरबा कराने वाले संस्थानों को आइडेंटी कार्ड के बिना प्रवेश नहीं देने की नसीहत दी।
ठाकुर ने कहा कि गरबा पंडाल लव जिहाद (love jihad) का बड़ा माध्यम बन गये हैं। अब सभी गरबा आयोजक सतर्क और सजग रहें। गरबा पांडाल में जो भी आए आइडेंटी कार्ड लेकर आए। बगैर पहचान के गरबो में कोई प्रवेश कर नहीं कर सके। ये सब के लिए सलाह भी है और नसीहत भी है।
हमारे लोग और संगठन सभी जागरुक है- उषा ठाकुर
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर आज सुबह ग्वालियर पहुंची। यहां पर उन्होंने मीडिया से चर्चा की और नवरात्रि को लेकर सभी आयोजकों को सतर्क किया। उन्होंने कहा कि आज सभी गरबा आयोजक सतर्क और सजग हैं। अब गरबा पांडाल में जो भी आए आइडेंटी कार्ड लेकर आए। बगैर पहचान के गरबो में कोई प्रवेश कर नहीं सकता है। ये सब के लिए सलाह भी है और नसीहत भी है। ठाकुर ने कहा कि हमारे लोग और सहयोगी संगठन सभी जागरूक है क्योंकि गरबा पांडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन गए थे। इसलिए अब जरूरी है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर गरबा पांडाल में ना आए।
"लव जिहाद का माध्यम बन चुके थे गरबा पंडाल, इसलिए अब बिना पहचान पत्र के नो एंट्री"
---विज्ञापन---मध्यप्रदेश सरकार की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का बयान@UshaThakurMLA @news24tvchannel pic.twitter.com/g6VGSWCZFc
— Vipin Shrivastava (@JournalistVipin) September 8, 2022
संस्कृति बचाओ मंच ने किया बयान का समर्थन
प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के बयान का संस्कृति बचाओ मंच ने समर्थन किया है। कार्यकर्ता चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि गरबा एंट्री से पहले पंचगव्य पिलाना चाहिए,जिससे आत्मा की शुद्धि हो। जो पंचगव्य नहीं पिएगा वो हमारे धर्म का है ही नहीं। गरबा मां की आस्था का केंद्र है। वहां दूसरे धर्म वालों का क्या काम। आज गरबा का व्यवसायीकरण हो चुका है।
गरबा केंद्रों में बस आजकल अश्लीलता और फूहड़ता होती है। पंडाल के बाहर लड़के-लड़कियाँ कपल एंट्री का इंतेज़ार करते रहते हैं। इसी कारण लड़कियां मुस्लिम लड़कों के साथ चली जाती है। बाद में ये लड़के लड़कियों के साथ ग़लत काम करते है। वोटर आइडी लेने की मांग हम वर्षों से कर रहे हैं।