Vikas Upadhyay Political Career: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में पार्टी ने शुक्रवार को 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ के 6 उम्मीदवारों का भी नाम शामिल है। इनमें विकास उपाध्याय का भी नाम शामिल हैं, जिन्हें कांग्रेस ने रायपुर सीट से टिकट दिया है। आइए, उनके सियासी सफर और चुनौतियों के बारे में जानते हैं…
कौन हैं विकास उपाध्याय?
विकास उपाध्याय कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म 6 नवंबर 1976 को रायपुर में हुआ था। उन्होंने 5 जून 2015 को संजना के साथ शादी की। वे किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने चीन और इटली समेत कई देशों की यात्रा की है।
In the first list of candidates for the 2024 Lok Sabha elections, Congress CEC has selected 39 names.
• 15 candidates are from the General category
• 24 candidates are from SC, ST, OBC and minority groups
• 12 candidates are below 50 years of age
• 8 candidates are in the… pic.twitter.com/YbH1dVuaLb---विज्ञापन---— Congress (@INCIndia) March 8, 2024
विकास उपाध्याय ने राजनीति की शुरुआत कब की?
विकास उपाध्याय ने 1998 में भारतीय राष्ट्रीय छात्रसंघ से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। इसके बाद उन्हें 1999 में रायपुर जिले का अध्यक्ष और 2004 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। विकास को 2009 में युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव और 2010 में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वे 2012 से 2018 तक रायपुर शहर के अध्यक्ष रहे।
आज महाशिवरात्रि के पावन उपलक्ष पर भगवान भोले नाथ के आशीर्वाद स्वरूप मुझे आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए शीर्ष नेतृत्व ने रायपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए आदेशित किया है।
इस विश्वास के लिए श्रीमती सोनिया गांधी, @mallikarjunkhargeinc जी, @rahulgandhi जी , @kcvenugopalmp,… pic.twitter.com/NPOhUAaIOU
— Vikas Upadhyay (@_vikasupadhyay) March 8, 2024
विकास उपाध्याय पहली बार विधायक कब बने?
विकास उपाध्याय पहली बार 2018 में विधायक बने। उन्होंने तीन बार के बीजेपी विधायक राजेश मूणत को हराया था। उन्हें 76359 वोट मिले, जबकि राजेश को 64147 वोटों से संतोष करना पड़ा। विकास 2019 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव भी रहे। वे 2020 में संसदीय सचिव बने। उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में राजेश के हाथों रायपुर पश्चिम सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। राजेश ने चौथी बार इस सीट से जीत हासिल की।
विकास उपाध्याय के सामने चुनौतियां
विकास उपाध्याय के सामने बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल की बड़ी चुनौती है। पिछली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को रायपुर सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा था, जबकि उस समय राज्य में कांग्रेस की ही सरकार थी। रायपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाली 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 6 पर कांग्रेस, जबकि 2 पर बीजेपी और 1 पर जनता कांग्रेस का कब्जा था।
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रायपुर में आखिरी बार 1991 में कांग्रेस को मिली जीत
रायपुर में आखिरी बार कांग्रेस प्रत्याशी विद्याचरण शुक्ला को 1991 में जीत मिली थी। उससे पहले 1984 और 1989 में केयूर भूषण ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी रमेश बैस को हराया था। हालांकि, इसके बाद रमेश 1996, 1998,1999, 2004,2009 और 2014 में यहां से लगातार 6 बार सांसद रहे। इस समय रायपुर की 9 विधानसभा सीटी में से 8 पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है। पिछले चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनील कुमार सोनी को तीन लाख से अधिक मतों से जीत हासिल हुई थी।
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