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मध्य प्रदेश

पाकिस्तान में जन्मे, 1971 युद्ध में दी सेवाएं…, कौन थे पद्मश्री डॉ. एमसी डाबर, जिनका 80 साल की उम्र में हुआ निधन

Jabalpur doctor MC Dabar: महज 20 रुपये में इलाज कर मशहूर हुए डॉक्टर एमसी डाबर का आज 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री ने सम्मानित किया था। इसके अलावा डॉ. डाबर सेना में अपनी सेवाएं दे चुके थे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 4, 2025 13:52
Dr. MC Dabar death
लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी से मिलते डॉ. एमसी डाबर (Pic Credit-Social Media X)

Dr. MC Dabar death: मध्यप्रदेश के जबलपुर में महज 20 रुपये में मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. एमसी डाबर का निधन हो गया। वे 80 साल के थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित किया था। भारत सरकार ने चिकित्सा जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जबलपुर में रोड शो करने के बाद डॉ. एमसी डाबर से मुलाकात की थी। ऐसे में आइये जानते हैं एमसी डाबर कौन थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों के लिए समर्पित किया था।

जालंधर से की थी स्कूली पढ़ाई

डॉ. एमसी डाबर का जन्म 16 जनवरी 1946 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में आकर बस गया। मात्र डेढ़ साल की आयु में उनके पिता का निधन हो गया था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई जालंधर से की थी। उन्होंने 1967 मध्यप्रदेश के जबलपुर से एमबीबीएस की डिग्री ली थी। डाबर भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर थे। हालांकि खराब सेहत को देखते हुए उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया था। डाबर ने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी थी।

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51 साल से 200 मरीजों का इलाज कर रहे थे

1972 से वे मध्यप्रदेश के जबलपुर में मात्र 2 रुपये में लोगों का इलाज कर रहे थे। इसके बाद 1997 में 5 रुपये लेने लगे। 2012 में 10 रुपये और मौजूदा समय में 20 रुपये चार्ज करते थे। भारत सरकार ने 2023 में चिकित्सा क्षेत्र में उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। डॉ. डाबर के बारे में एक और रोचक बात थी। वे पिछले 51 साल से रोजाना 200 मरीजों का इलाज कर रहे थे। उनके पास तीन-तीन पीढ़ियों के मरीज थे। डॉ. डाबर के पास न केवल जबलपुर बल्कि दूर-दराज के शहरों से भी मरीज आते थे।

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First published on: Jul 04, 2025 01:52 PM

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