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मध्य प्रदेश

सांस्कृतिक विरासत में शामिल हो सकती है नर्मदा परिक्रमा, शिवराज सरकार ने भेजा प्रस्ताव

MP News: राजधानी भोपाल में आज यूनेस्को की दो दिवसीय सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत होगी। जिसमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण पर मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस आयोजन का शुभारंभ करेंगे। जिसमें एक अहम फैसला भी लिया जा सकता है। नर्मदा परिक्रमा सांस्कृतिक विरासत बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश […]

Author Edited By : Arpit Pandey Updated: Apr 17, 2023 14:47
Shivraj Singh Chauhan
Shivraj Singh Chauhan

MP News: राजधानी भोपाल में आज यूनेस्को की दो दिवसीय सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत होगी। जिसमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण पर मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस आयोजन का शुभारंभ करेंगे। जिसमें एक अहम फैसला भी लिया जा सकता है।

नर्मदा परिक्रमा सांस्कृतिक विरासत

बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नर्मदा परिक्रमा को दुनिया की सांस्कृतिक विरासत में शामिल करवाया जा सकता है। इसके लिए शिवराज सरकार ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। मध्य प्रदेश संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा गया है।

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कई देशों के लोग होंगे शामिल

बता दें कि आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ यूनेस्को नई दिल्ली के ऑफिस-इन-चार्ज हिजकिल लामिनी और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर इन मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। सम्मेलन में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के विषयों पर विभिन्न सत्र आयोजित किये जाएंगे, जिसमें भारत सहित भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका सहित अन्य कई देशों के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों और चुनौतियों एवं आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। इसी में नर्मदा परिक्रमा पर विचार किया जाएगा।

2600 किलोमीटर की होती है नर्मदा परिक्रमा

बता दें कि मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नदी नर्मदा की परिक्रमा की जाती है। यह देश और दुनिया की एक मात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा होती है। मध्य प्रदेश के अमरकंटक से गुजरात के भरूच तक नर्मदा परिक्रमा का मार्ग है। जो करीब 2600 किलोमीटरका मार्ग होता है। पैदल परिक्रमा में 3 से 4 महीने का समय लगता है। नर्मदा परिक्रमा के अलावा

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इंदौर की गैर का प्रस्ताव भी भेजा गया, जबकि मैहर के 106 साल पुराने बैंड का प्रस्ताव भी भेजा गया है, इसके अलावा गोंड पेंटिंग और आदिवासी गीतों का प्रस्ताव भी भेजा गया है। बता दें कि यह सभी मध्य प्रदेश की पुरानी विरासत हैं।

First published on: Apr 17, 2023 02:47 PM

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