MP Govt School Education Regulation Amendment Bill 2024 Passed in Assembly: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की तरफ से राज्य के प्राइवेट स्कूल की मनमानी फीस को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा विनिययमन संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया है। इस विधेयक के पारित होने से राज्य के प्राइवेट स्कूल अपने मुताबिक छात्रों की फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। इसके साथ ही सरकार इन स्कूलों की गाइड लाइन को भी तय कर सकेगी। ये खबर उन अभिभावकों के लिए ये अच्छी खबर है, जो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस से परेशान है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया है।
स्कूलों पर लागू होंगे नए नियम
विधानसभा में स्कूल शिक्षा विनिययमन संशोधन विधेयक 2024 को पेश करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि यह एक एतिहासिक विधेयक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंशानुसार नई शिक्षा नीति का पूरी तरीके से पालन हो रहा है। प्राइवेट निजी स्कूलों की फीस की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बड़ा फैसला लिया गया है। सीएम मोहन यादव मंशानुसार प्रदेश में सुदृढ़ व्यवस्था चलाने के लिए नए नियम बनाए हैं। नए नियमों के तहत अब प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस नही बढ़ा पाएंगे और नई शिक्षा नीति का अच्छे से पालन करना होगा। यह नियम 25 हजार से अधिक फीस वसूलने वाले स्कूलों पर लागू होंगे।
क्या है स्कूल शिक्षा विनियमन संशोधन विधेयक 2024 में?
- नए नियम के तहत प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले जिला स्तर और विभाग स्तर पर बनाई समितियों से अनुमति लेनी होगी।
- RTE के दायरे वाले स्कूलों में किसी भी छात्र के साथ जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होगा।
- छात्रों को बसों की सर्विस देने वाले स्कूलों को पोर्टल में प्रति किलोमीटर के हिसाब से अपनी फीस अपडेट करनी होगी। वहीं जो प्राइवेट स्कूल बसों की सर्विस देते हैं, उन पर भी सतत निगरानी रखी जाएगी।
- सभी प्राइवेट स्कूलों को नियम के तहत स्कूल की सारी जानकारी पोर्टल पर करनी होगी। साथ ही उन्हें सरकार की नियमों के दायरे में काम करना होगा।
- वहीं फीस के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। जो आखिर में फीस के मामलों का निराकरण करेंगे।