कर्ण मिश्रा (ग्वालियर)
Unique Temple Of Gwalior: देवों के सेनापति भगवान कार्तिकेय का ग्वालियर में अनोखा मंदिर है, साल में एक ही बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही इस मंदिर के पट खुलते हैं आज कार्तिक पूर्णिंमा है। सुबह चार बजे कार्तिकेय मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खुले। सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया। यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है, इस मंदिर में आपको भगवान कार्तिकेय के साथ गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी मूर्ति के भी दर्शन करने को मिलेंगे। वर्ष में एक बार मंदिर खुलने की वजह भी आपकों बताते है।
कार्तिक पूर्णिमा पर दर्शन करने की मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि एक बार भगवान कार्तिकेय गुस्सा होकर अज्ञात स्थान पर तपस्या करने चले गए थे। कार्तिकेय को नाराज देखकर भगवान शिव और माता पार्वती उन्हे मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्राप दिया कि जो स्त्री उनके दर्शन करेगी वह सात जन्म तक विधवा हो जाएगी, जो पुरूष दर्शन करेगा वह सात जन्म तक नर्क में जायेगा। बाद में जब माता पार्वती ने उनसे कहा कि ऐसा कोई दिन बताएं जब आपके दर्शनों का भक्तों को लाभ मिल सके। तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मेरे जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भक्त मेरे दर्शन करने आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। तभी से मान्यता अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान कार्तिकेय भक्तों को दर्शन देते हैं।
भगवान कार्तिकेय के श्रंगार और अभिषेक के बाद सुबह 4 बजे से मंदिर के बाहर जुटे श्रद्धालुओं को अंदर आने की अनुमति दे दी गई है,इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। भक्तों के लिए 24 घंटे तक खुले इस मंदिर को सोमवार की रात्रि और मंगलवार सुबह के बीच 4 बजे पूजा अर्चना कर कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर दरवाजे पर ताला लगा देंगे। इसके बाद उनका पट अगले साल कार्तिक पूर्णिमा पर ही खुलेगा।
यह भी पढ़े: ‘पाताल’ में पहुंचने की पूरी तैयारी, 2 मशीनों से ऑपरेशन जारी! 15 दिन का इंतजार, 41 जिंदगियों की आस!
पूरे साल में एक बार खुलता यह मंदिर
ग्वालियर में स्थित यह देश का इकलौता मंदिर है, इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय की 6 मुखी प्रतिमा स्थापित है। भगवान कार्तिकेय का मंदिर साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा को ही खुलता है। भगवान कार्तिकेय के साथ इस मंदिर में हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मीनारायण आदि मंदिर हैं, इन सभी मंदिरों में तो प्रतिदिन दर्शन होते हैं। लेकिन भगवान कार्तिकेय के साल में एक बार ही कार्तिक पूर्णिमा पर दर्शन होते है,आधी रात के बाद साल में एक बार खुलने वाले भगवान कार्तिकेय मंदिर के पट खोले गए है, मंदिर के अंदर पुताई, सफाई और भगवान कार्तिकेय का अभिषेक किया गया, फिर उनका श्रंगार हुआ, जिसके बाद भक्तों के लिए दर्शन शुरू किए गए।