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‘पाताल’ में पहुंचने की पूरी तैयारी, 2 मशीनों से ऑपरेशन जारी! 15 दिन का इंतजार, 41 जिंदगियों की आस!

 Uttarkashi Tunnel: रविवार को बचाव अभियान के 15वें दिन नए सिरे से रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया। सुबह 4:30 बजे से रेस्क्यू टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन के जरिए बोरिंग शुरू की गई।

Edited By : Swati Pandey | Nov 27, 2023 06:00
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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation

राहुल प्रकाश, उत्तरकाशी

 Uttarkashi Tunnel Rescue Operation:   12 नवंबर जिस दिन देश धूम धाम से दिवाली मनाने की तैयारी कर रहा था।  उसी 12 तारीख को उत्तराखंड में हुए एक हादसे ने देशवासियों को दहला दिया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्कयारी टनल में 12 नवंबर को लैंडस्लाइड के बाद बड़ा हादसा हो गया। एक बड़ा मलबा निर्माणाधीन सुरंग पर आकर गिरा। और सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। अब 15 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूरों को बाहर निकालने की कवायद जारी है। 13 तारीख से लगातार बचाव अभियान चल रहा है। और बड़ी बड़ी मशीनों के जरिए सुरंग के अंदर पहुंचने की कोशिश जारी है।

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पहाड़ से इंसान की जंग, हर एक सेकेंड है खास!

पिछले पंद्रह दिनों से कैसे उत्तराखंड की जमीन पर 41 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद हो रही है। रविवार को बचाव अभियान के 15वें दिन नए सिरे से रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया। सुबह 4:30 बजे से रेस्क्यू टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन के जरिए बोरिंग शुरू की गई। वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन के जरिए 200 मिलीमीटर चौड़े पाइप को जमीन के अंदर डाला जा रहा है। बचाव टीम का कहना है कि करीब 90 मीटर तक खुदाई किए जाने की तैयारी है। जो कि अब तक 15.24 मीटर यानि करीब 50 फीट से ज्यादा बोरिंग हो चुकी है।

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देश भर से उठी दुआएं, मजदूर जल्द लौटकर आएं

सिल्कयारी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए मिनट टू मिनट ऑपरेशन चलाया जा रहा है। देश भर की एक्सपर्ट और टीमें इस मिशन में जुटी हुई हैं। बचाव दलों में शामिल टीमों के मुताबिक अब तक की खुदाई के दौरान किसी तरह के बड़े वाइब्रेशन का सामना नहीं हुआ है। यानी खुदाई में कोई रुकावट नहीं आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही 200 मिलीमीटर चौड़ा पाइप सुरंग में दाखिल होगा उसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 700 मिमी से लेकर 800 मिमी का चौड़ा पाइप इसी जगह पर ऊपर लेयर के तौर पर अंदर डाला जाएगा। पिछले पंद्रह दिनों से चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन में तमाम तरह की हर उस कोशिश को अपनाया गया है जिससे जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।

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इसमें कोई शक नहीं कि हादसा भयानक है। लेकिन राहत की बात ये भी है कि टनल के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं। और बाहर मौजूद लोगों से उनका संपर्क बना हुआ है। लेकिन हर बीतते दिन के साथ चिंता बढ़ रही है। और जब तक सभी 41 मजदूर सुरक्षित टनल से बाहर नहीं निकाल लिए जाते हैं। तब तक पूरे देश की सांसें और धड़कने सामान्य नहीं हो पाएंगी।

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Edited By

Swati Pandey

First published on: Nov 27, 2023 06:00 AM

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