MP News: आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है, खास तौर पर जब हम बचपन में होते है तो हर काम जुगाड़ से ही करते हैं। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल शहडोल जिले में कुछ बच्चों ने ऐसा ही किया है। जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। क्योंकि इन बच्चों ने अपनी मौज-मस्ती के लिए किसी को परेशान नहीं किया बल्कि कुछ ऐसी जुगाड़ लगाई जो जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।
बच्चों ने देशी जुगाड़ से बनाया झूला
शहडोल जिले में आने वाले मुसरा गांव में बच्चों के पास खेलने के लिए आधुनिक झूला नहीं था। ऐसे में बच्चों ने देशी जुगाड़ से एक शानदार झूला बनाया है। बच्चों ने गांव में पड़े कबाड़ जिसमें साइकिल के टायर और लकड़ियों से एक शानदार झूला तैयार किया है। खास बात यह है कि इस झूले को बनाते समय बच्चों ने तकनीक का भी पूरा ध्यान दिया है।
बच्चों ने पेड़ की की ऐसी टहनी में झूला तैयार किया है, जो झूला झूलने के दौरान बाइब्रेट होता है, यानि घुमने पर यह गाड़ियों के साकप की तरह काम करता है। यानि अगर झूले के किसी एक तरफ ज्यादा वजन होता है तो उसके टूटने का खतरा नहीं रहता है।
सोशल मीडिया पर हो रहा शेयर
जैसे ही बच्चों के देशी जुगाड़ का यह झूला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था तो लोग इस जुगाड़ को जमकर शेयर कर रहे हैं। लोग बच्चों के इस देशी जुगाड़ की जमकर तारीफ कर रहे हैं। क्योंकि इस जुगाड़ से सबको अपने बचपन की याद आ रही है। खास बात यह है कि अब तक यह झूला बच्चों की पसंद था। लेकिन जैसे ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अब गांव के लोग भी इसका आनंद लेने पहुंच रहे हैं।
इसके अलावा दूसरे गांव के लोग भी झूले को देखने आ रहे हैं। यानि बच्चों की यह जुगाड़ गांव की पहचान बन गई। बच्चें भी अब अपना देशी झूला पाकर बेहद खुश हैं और उनके खेलने कूदने का वक्त यही गुजर रहा है।
शहडोल से अजय अरविंद नामदेव की रिपोर्ट
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