MP Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी घमासान जारी है। अरुण यादव और अजय सिंह के बयानों के बाद अब एमपी कांग्रेस की तरफ से एक ट्वीट किया गया है। जिसमें कमलनाथ को लेकर बड़ा संकेत दिया गया है। वहीं कांग्रेस के इस ट्वीट के बाद एक बार फिर सियासत तेज होती दिख रही है।
कमलनाथ को बताया सीएम का चेहरा
मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से जो ऑफिशियल ट्वीट किया गया है, उसमें कमलनाथ को मुख्यमंत्री बताया गया है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कमलनाथ जी मध्यप्रदेश के अवश्यंभावी मुख्यमंत्री हैं।’ बता दें कि एमपी कांग्रेस का यह ट्वीट इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि अरुण यादव और अजय सिंह कह चुके हैं कि कांग्रेस की तरफ से सीएम कौन बनेगा, यह तो चुनाव के बाद तय होगा।
कमलनाथ जी मध्यप्रदेश के अवश्यंभावी मुख्यमंत्री हैं।
— MP Congress (@INCMP) February 8, 2023
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अवश्यंभावी मुख्यमंत्री कमलनाथ
दरअसल, कांग्रेस की तरफ से किए ट्वीट में कमलनाथ को अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताया गया है, जिसका मतलब होता है। असंभव और भावी से मिलकर बना है, यानि जो टाला न जा सके। यानि कांग्रेस की माने तो कमलनाथ ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। खास बात यह है कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि कमलनाथ के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने 2018 का चुनाव जीता था। जबकि 2023 का चुनाव भी उनके ही नेतृत्व में जीतेंगे।
पहले बताया गया था भावी मुख्यमंत्री
बता दें कि इससे पहले कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताया गया है। नए साल पर जो पोस्टर मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने लगाए थे। उनमें कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताया था। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें निशाने पर लिया था। जबकि अब एक बार फिर बीजेपी ने कमलनाथ पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सहित सभी नेताओ को खुली चुनौती दे रही है कमलनाथ जी की एमपी कांग्रेस। “भावी मुख्यमंत्री” शब्द पर एतराज जताया तो “अवश्यंभावी” ले आये। सब कह रहे है कि कांग्रेस में परंपरा ही नहीं फिर भी ट्विटर – होर्डिंग- पंचांग में मुख्यमंत्री बनने में मज़ा आ रहा है…?’
अरुण यादव-अजय सिंह के बयान से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर जब अरुण यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि पहले से कोई सीएम का चेहरा नहीं है, यह चुनाव के बाद तय होगा। विधायक दल और आलाकमान मुख्यमंत्री का फैसला करता है। खास बात यह है कि अरुण यादव के इस बयान का समर्थन पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी किया था। जिसके बाद कांग्रेस में इस मुद्दे पर सियासी बहस शुरू हो गई थी।