CM Mohan Yadav In Rajasthan: मुख्यमंत्री यादव राजस्थान के कोटा जिले में एलन शिक्षण संस्थान के सम उन्नत भवन में विद्यार्थियों से चर्चा कर रहे थे। शुरू में मुख्यमंत्री यादव का विद्यार्थियों ने गजहार पहनाकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि विद्यार्थियों को अपना जुनून हमेशा कायम रखना चाहिए।
इच्छाशक्ति जितनी दृढ़ होगी, लक्ष्य उतना ही आसान होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी भी पद पर पहुंचे, मित्रता का प्रेमभाव हमेशा बनाए रखना। इसका सबसे अच्छा उदाहरण श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती का है। उनकी दोस्ती 11 साल की उम्र में हुई थी और जब वे द्वारका के राजा बने तब भी उनकी दोस्ती ने दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कोटा, राजस्थान में आयोजित ‘विद्यार्थी संवाद’ कार्यक्रम में सहभागिता कर विद्यार्थियों से संवाद किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को सशक्त बनाने, चुनौतियों का सामना करने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।… pic.twitter.com/SxlXHBAvuL
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मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति का इससे अच्छा उदाहरण दूसरा नहीं हो सकता कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात में पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्यमंत्री बने और लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहे।
मुख्यमंत्री के बाद वे पहली बार सांसद बनें और पहली बार में ही देश के प्रधानमंत्री बनें। इसके बाद लगातार सांसद बने और प्रधानमंत्री भी। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में हैट्रिक भी बनाई। आर्थिक दृष्टि से गुजरात देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे है।
दोनों सरकारों ने निर्णय किया है…
मथुरा से शिक्षा ग्रहण करने के लिए राजस्थान से होते हुए उज्जैन पधारे श्रीकृष्ण ने जहां-जहां भी रात्रि विश्राम किया था, उन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। pic.twitter.com/7zS3jBwOL5
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 13, 2024
समाज सेवा के लिए छोड़ी डॉक्टरी
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मैंने अपने शैक्षणिक काल से ही अपना लक्ष्य समाज सेवा के रूप में निर्धारित किया था। साल 1982 में मेरा चयन मेडिकल कॉलेज के लिए हो गया था, परंतु समाज सेवा के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैंने मेडिकल में प्रवेश न लेते हुए, बीएससी की उपाधि प्राप्त की।
मैं यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट रहते हुए राजनीति में एक्टिव रह सका। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के तीन मूल मंत्र हैं, जिन्हें विद्यार्थियों को आत्मसात करना चाहिए। पर्याप्त नींद लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और प्राणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने बताया कि अपने लक्ष्य पर शुरू से ही ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए।
विद्यार्थी नवीन सोच का सागर होते हैं। मैं जब भी विद्यार्थियों से मिलता हूं; इनके आइडिया और जोश मुझमें एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं; इनका नजरिया मुझे भी एक नई दृष्टि प्रदान करता है। इसलिए विद्यार्थियों से संवाद करना मुझे बेहद पसंद है।
आज विद्यार्थियों के सपनों के शहर कोटा में… pic.twitter.com/XuwPCMqHBV
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मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण 11 साल की आयु में मथुरा से राजस्थान होते हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन पधारे थे। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी यात्रा के दौरान प्रदेश में जहां-जहां विश्राम किया या ठहरे उन स्थानों को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक महत्व के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने शिक्षा काल में जिन ग्रंथों का अध्ययन किया, उन ग्रंथों का सार गीता में समाया है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि विद्यार्थी निराशा को अपने आप पर हावी न होने दें। जब निराश हो जाए तो राजनेताओं की तरफ देखें, वे बार-बार चुनाव लड़ते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
कई बार विद्यार्थी लक्ष्य प्राप्ति की दौड़ में पीछे रह जाते हैं तो उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, जबकि डबल एनर्जी के साथ फिर प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि एलन शिक्षण संस्थान मध्य प्रदेश के उज्जैन में अपने संस्थान प्रारंभ करें, जिससे मध्य प्रदेश के छात्रों को भी स्थानीय स्तर पर लाभ प्राप्त हो सकेगा।
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