MP Mohan Yadav Government: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार चुनाव खत्म होने के बाद से प्रदेश के निगम-मंडलों को लेकर एक बड़ा फैसला लेगी। प्रदेश की मोहन यादव सरकार उन निगम-मंडलों को बंद करने की तैयारी कर रही है, जो घाटे में चल रहे हैं। इसमें उन निगम, मंडल और बोर्ड को शामिल किया जाएगा, जिससे शासन और प्रदेश के नागरिकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने ऐसे निगम, मंडल और बोर्ड की जानकारी मांगी गई है।
हर-हर महादेव शंभू
काशी विश्वनाथ गंगे…आज काशी में ललिता घाट पर मोक्षदायिनी मां गंगा जी की पूजा का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
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— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) May 26, 2024
सरकार ने मांगी लिस्ट
मोहन यादव सरकार ने ऐसे निगम, मंडल और बोर्ड की लिस्ट और जानकारी मांगी है, जिसका फायदा ना तो प्रशासन हो रहा है और ना ही प्रदेश नागरिकों हो रहा है। इसके बाद भी वह सरकारी खर्चों पर संचालित हो रहे हैं और सरकार पर वित्तीय भार बढ़ा रहे हैं। जानकारी के अनुसार इसलिए 46 निगम, मंडल, प्राधिकरण और बोर्डों की नियुक्ति निरस्त हुईं है। शिवराज सरकार में गठित नए बोर्ड और प्राधिकरण भी बंद करने की तैयारी है। कैग 2022 की रिपोर्ट में बताया है कि प्रदेश में ऐसे 72 में से 40 उपक्रम निष्क्रिय मिले है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद इन पर कार्रवाई जाएगी।
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निगम-मंडलों की वित्तीय प्रबंधन की जानकारी
मध्य प्रदेश सरकार के अलावा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी ऐसे निगम-मंडलों की वित्तीय प्रबंधन की मांगी है, जो घाटे में चल रहे है। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभाग के प्रमुखों को लेटर लिखकर 12 पॉइंट में ऐसे निगम- मंडलों की जानकारी मांगी है।