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मध्य प्रदेश में बदल गए शराब बेचने के नियम, इस दिन से लागू होगी नई आबकारी नीति

Madhya Pradesh Excise Policy 2025: मध्य प्रदेश में शराब को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सरकार की नई आबकारी नीति से शराब के दाम बढ़ सकते हैं, कई दुकानों पर ताले लगेंगे और बिना POS मशीन शराब नहीं मिलेगी। क्या ये बदलाव आम लोगों पर असर डालेगा? आइए जानते हैं इस नई नीति की पूरी जानकारी।

Edited By : Ashutosh Ojha | Updated: Feb 15, 2025 10:36
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Madhya Pradesh Excise Policy 2025: मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई आबकारी पॉलिसी लागू की है, जिससे शराब बिक्री से जुड़े कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अब बिना POS मशीन के शराब नहीं मिलेगी, धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें बंद होंगी, और कुछ जगहों पर दुकानों को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है। शराब के दाम भी बढ़ सकते हैं, क्योंकि बंद दुकानों की भरपाई सरकार नए टैक्स से करेगी। इसके अलावा, बार और रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस नई नीति से राज्य में क्या बदलाव आएंगे?

धार्मिक शहरों में शराब की दुकानें होंगी बंद

मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति 2025 लागू कर दी है, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। इस नीति के तहत राज्य के 19 धार्मिक शहरों और गांवों में शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम धार्मिक भावनाओं के सम्मान और सामाजिक हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, इससे होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए बाकी शराब दुकानों की कीमतें 25% तक बढ़ाई जा सकती हैं। इसके अलावा, नई नीति में शराब की बिक्री पर निगरानी रखने के लिए POS (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन को अनिवार्य कर दिया गया है।

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शराब बिक्री पर होगी सख्त निगरानी

सरकार ने शराब की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए POS मशीनें लगवाने का फैसला किया है। अब हर दुकान पर इस मशीन का उपयोग अनिवार्य होगा, जिससे हर बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। अगर कोई ठेकेदार बिना POS मशीन के शराब बेचता है, तो उसे 25 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। बार-बार नियम तोड़ने पर यह जुर्माना बढ़ सकता है। सरकार को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और शराब बिक्री की सही जानकारी मिल सकेगी। वहीं, रेस्टोरेंट और बार में खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में शराब बेचने के लिए अब ज्यादा जगह का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, जिससे होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को फायदा होगा।

ठेकेदारों के लिए बदले गए लाइसेंस नियम

नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को भी बदला गया है। अब ठेकेदारों को ई-बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। इस गारंटी का उपयोग किसी अन्य काम के लिए नहीं किया जा सकेगा। वहीं, धार्मिक शहरों और गांवों में शराब की दुकानें बंद होने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने एक फार्मूला तैयार किया है। इसके तहत, बंद होने वाली दुकानों के वार्षिक मूल्य का 25% बाकी दुकानों की कीमतों में जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी दुकान का वार्षिक मूल्य 10 करोड़ रुपये था, तो नई नीति के बाद उसका रिजर्व मूल्य 14.50 करोड़ रुपये हो सकता है।

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शराब की बिक्री और लाइसेंस पर नए नियम

नई नीति के अनुसार, 13 नगर निगमों और 6 ग्राम पंचायतों में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद की जाएंगी। इन जगहों पर किसी भी तरह के बार और वाइन आउटलेट के लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे और न ही इन दुकानों को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा, कमर्शियल आयोजनों के लिए भी शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। यह लाइसेंस आयोजनों में शामिल लोगों की संख्या के आधार पर दिया जाएगा, जिसमें 500 लोगों के लिए 25 हजार रुपये से लेकर 5000 से ज्यादा लोगों के लिए 2 लाख रुपये तक की फीस तय की गई है। सरकार को उम्मीद है कि इस नई आबकारी नीति से शराब बिक्री पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और राज्य में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था लागू हो सकेगी।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Feb 15, 2025 10:36 AM

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